मध्यप्रदेश

Sehore News: Aap District President Baghel’s Attack On Bjp Leaders Model Code Of Conduct In Ashta – Amar Ujala Hindi News Live


आष्टा में इस तरह के पोस्टर लगे।
– फोटो : अमर उजाला

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आदर्श आचार संहिता सीहोर जिले के आष्टा में प्रभावशील नहीं दिख रही है। भाजपा नेता खुलेआम आचार संहिता का माखौल उड़ा रहे हैं, जबकि विपक्षी दलों के नेताओं पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है। आष्टा में आचार संहिता के खुले उल्लंघन को लेकर इस तरह के आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर कृष्णपाल सिंह बघेल ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

आप जिलाध्यक्ष बघेल ने कहा कि आष्टा शहर के प्रमुख चौराहों और बिजली के सरकारी खंभों पर आष्टा विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर के होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगे हुए हैं, लेकिन भाजपा विधायक पर धारा 188 की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं की मनमानी के आगे प्रशासन आचार संहिता का पालन कराने में लाचार हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बुधनी विधानसभा उप-निर्वाचन का कार्यक्रम घोषित होते ही सीहोर जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई थी, लेकिन आष्टा में भाजपा द्वारा लगाए गए होर्डिंग, बैनरों और पोस्टरों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ विधायक और अन्य भाजपा नेताओं की तस्वीरें हैं। क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?

बिजली के खंभों पर होर्डिंग, बैनर, पोस्टर

आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह बघेल ने बताया कि आष्टा के सेमरी रोड, कन्नौद रोड, दो मंजिला मकानों, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के पास, अलीपुर चौराहा और जावर जोड़ के यात्री प्रतिक्षालयों पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विधायक की तस्वीरें वाले पोस्टर चस्पा किए गए हैं। सिविल अस्पताल, तहसील कार्यालय के सामने और दरगाह चौराहा से पार्वती नदी पुल तक के डिवाइडरों के बिजली खंभों पर भी विधायक और उनके समर्थकों के बैनर-पोस्टर लगे हुए हैं। क्या यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?

विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर ही कार्रवाई

बघेल ने कहा कि आम आदमी पार्टी संविधान और भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करती है। यही कारण है कि आचार संहिता उल्लंघन के झूठे आरोप के बावजूद हमारे पदाधिकारियों ने कोर्ट के आदेश पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना अदा किया है। क्या इसी तरह की कार्रवाई आचार संहिता उल्लंघन पर प्रशासन द्वारा सत्ताधारी भाजपा नेताओं पर की जाएगी, या फिर प्रशासन अपनी शक्ति केवल विपक्षी दलों के नेताओं पर ही दिखाएगा?


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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