अजब गजब

9 राज्यों की मिट्टी…250 बार असफल कोशिश! आखिर बना ही दिया मिट्टी का कूलर, इको के साथ हेल्थ फ्रेंडली भी

पलवल: गर्मी से राहत दिालन के लिए लोग कूलर और एसी का सहारा ले रहे हैं. पर अब लोगों को देसी कूलर ठंडा करेगा. दरअसल, गांव मीरपुर कोराली के मुकेश कुमार ने 9 राज्यों की मिट्टी को मिलाकर मिट्टी से बना कूलर तैयार किया है. उनके इस उत्पाद को भारत सरकार से पेटेंट की मंजूरी मिल चुकी है. मुकेश दीनबंधु चौधरी छोटू राम यूनिवर्सिटी मुरथल सोनीपत हरियाणा से PhD की पढ़ाई कर रहे हैं. मुकेश कुमार का दावा है कि उनका यह कूलर इको फ्रेंडली है और मार्केट में बिकने वाले आयरन और फाइबर से बने कूलरों से कहीं ज्यादा किफायती है.

PhD के दौरान मिला था प्रोजेक्ट
31 वर्षीय मुकेश कुमार ने बताया कि पीएचडी की पढ़ाई के दौरान होने वातावरण को लेकर प्रोजेक्ट मिला था. इस प्रोजेक्ट के चलते मैंने वातावरण को ग्लोबल वार्मिंग जैसे परिणाम से बचाने के लिए मिट्टी से कूलर बनाने के बारे में तैयारी शुरू की. फिर कई कोशिशों के बाद मुझे सफलता मिली.

250 बार असफल कोशिश, फिर…
मुकेश कुमार ने बताया कि 250 बार की कोशिश फेल होने के बाद आखिरकार उन्होंने मिट्टी से बने कूलर से प्यार कर ही लिया. मुकेश कुमार की स्कूली शिक्षा गांव के ही स्कूल से हुई. जिसके बाद उन्होंने बीटेक और एमटेक की पढ़ाई रोहतक एमडीयू यूनिवर्सिटी से की. मुकेश ने बताया कि डॉ अमित शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग डॉ अमित शर्मा ने उनको वातावरण के लिए इस तरह का उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद अपने दोस्त नितेश कुमार जो पेशे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग है, उसके साथ मिलकर मिट्टी से कूलर बनाने के लिए डिजाइन पर काम करना शुरू किया. कई महीने लगातार काम करने के बाद वह डिजाइन को तैयार कर पाए. लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत यही थी कि मिट्टी से बना कूलर आखिर कितना टिक पाएगा. इस प्रयोग में उन्हें 250 बार असफलता का सामना करना पड़ा.

5 साल है इसकी लाइफ 
250 बार फेल होने के बाद मुकेश ने भारत के अलग-अलग राज्य गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक से मिट्टी कोई इकट्ठा करना शुरू किया. इस दौरान महावीर नामक कुम्हार ने मिट्टी को परखने में उनकी बेहद मदद की. इसके बाद वह मिट्टी से बना कूलर तैयार कर पाएं. मिट्टी से कूलर बनाने के बाद उसकी मजबूती को परखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी. जिसके लिए मिट्टी को करीब 1200 डिग्री सेल्सियस तक हिट पर रखकर परीक्षण किया गया. इसके बाद तैयार कूलर गर्मी और बरसात सबको झेल सकता है. मुकेश कुमार के अनुसार 5 साल तक इस कूलर की लाइफ है.

जानिए कूलर की क्या है खासियत
मुकेश कुमार ने बताया कि उनका यह कूलर इको फ्रेंडली है. वातावरण को बचाने के लिए यह उत्पाद उन्होंने तैयार किया है. ग्लोबल वार्मिंग सबसे बड़ी चुनौती है. इस तरह के उत्पादों का प्रयोग करके हम इसे बचाव कर सकते हैं. इस कूलर को डिस्पोज करना बेहद आसान है. इससे वातावरण को भी कोई हानि नहीं होगी. 5 साल प्रयोग में लाने के बाद आप आराम से इसको डिस्पोज कर सकते हैं. मुकेश कुमार का कहना है कि उनके द्वारा तैयार किए गए इस उत्पाद की कीमत मार्केट में मिलने वाले कूलरों के मुकाबले काफी कम है. इस कूलर से मिलने वाली हवा पूरी तरह से शुद्ध होगी. जिसका आपके शरीर पर भी कोई गलत प्रभाव नहीं होगा.

जानिए कब खा सकेंगे इसकी हवा
कूलर बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को साथ में मिलकर काम करने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है. ताकि उन लोगों को भी एक स्थायी रोजगार मिल सके. मुकेश कुमार ने बताया कि उनके इस कूलर पर सभी ट्रायल कंप्लीट हो चुके हैं. अगले साल वह अपनी PhD पूरी करने के बाद अपना यह उत्पाद मार्केट में लेकर आएंगे. मुकेश कुमार ने बताया कि यहां तक पहुंचने में उनके स्व.पिता नरेंद्र कुमार और उनकी पत्नी सीमा रानी का विशेष सहयोग रहा है.

Tags: Haryana news, Latest hindi news, Local18, Palwal news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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