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त्रिशूर कोट्टापड़ी: केरल के त्रिशूर कोट्टापड़ी के बी.सी.एल.पी स्कूल के चौथी कक्षा के छात्र 9 वर्षीय मोहम्मद स्वालिह से मिलिए. कम उम्र होने के बावजूद कृषि क्षेत्र में स्वालिह ने अब तक एक प्रभावशाली पहचान बनाई है. एक बाल किसान के रूप में जाने जाने वाले स्वालिह ने बटरफ्लाई पी (शंख पुष्प) की खेती में अपनी प्रतिभा दिखाई है. कृषि के प्रति अपने जुनून को एक सफल उद्यम में बदल दिया है. अब औषधीय गुणों से भरपूर बटरफ्लाई पी को सुखाकर पीसकर टी बैग के रूप में बाजार में उतारा है.
माता-पिता के सहयोग से शुरू की खेती
बता दें कि कृषि के प्रति उनकी गहरी रुचि और स्वाभाविक झुकाव ने इस कम उम्र में ही स्वालिह की कृषि करना शुरु कर दिया. माता-पिता के सपोर्ट से स्वालिह ने घर के पास सौ बीज लगाकर बटरफ्लाई पी की खेती शुरू की. पौधों की देखभाल करने के अलावा, जब बटरफ्लाई पी टी बैग नामक एक उत्पाद बनाया, तब इस छोटे किसान ने एक लघु उद्योग भी शुरू कर दिया.
स्वालिह कड़ी मेहनत रंग लाई
बता दें कि बटरफ्लाई पी से बनी यह विशेष चाय अपने औषधीय गुणों और विशिष्ट नीले रंग के लिए प्रसिद्ध है. इस उत्पाद की सफलता ने न केवल ध्यान आकर्षित किया, बल्कि एक युवा उद्यमी के रूप में स्वालिह की इमेज को भी स्थापित किया. टी बैग को बाजार में बेहतर स्वीकृति मिली है, जो स्वालिह की प्रतिभा और परिवार के प्रोत्साहन का परिणाम है.
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जिले का सर्वश्रेष्ठ बाल किसान
बता दें कि जिले के सर्वश्रेष्ठ बाल किसान के रूप में स्वालिह को मान्यता मिली है और स्थानीय स्तर पर सम्मान मिल रहे हैं. राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त करना और एक सफल किसान के रूप में विकसित होना स्वालिह का लक्ष्य है. उनका सपना अपने कृषि प्रयासों का विस्तार करके कृषि में बड़ा नाम करना है.
Tags: Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 15:39 IST
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