अजब गजब

9 साल की उम्र में छोड़ा घर, 30वें बर्थडे पर बनाई कंपनी, आज गूगल-माइक्रोसॉफ्ट भी इस बंदे को करती है झुककर सलाम

हाइलाइट्स

एनवीडिया की प्रतिद्वंद्वी एएमडी कंपनी में हुवांग ने कुछ दिन नौकरी की.
हुआंग ने 1993 में एनवीडिया की नींव रखी थी और तब से ही वे इसे लीड कर रहे हैं.
हुवांग आज दुनिया की सबसे अमीर व्‍यक्तियों की लिस्‍ट में 24वें पायदान पर हैं.

नई दिल्ली. हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग के लिए ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट, एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस, मोबाइल कंप्यूटिंग, एआई और ऑटोमोटिव मार्केट के लिए चिप बनाने वाली कंपनी, एनवीडिया कॉरपोरेशन (Nvidia Corp) 1.47 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया की छठी सबसे मूल्‍यवान कंपनी बन गई है. कंपनी को इन बुलंदियों पर पहुंचाने में कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ जेसन हुआंग (Nvidia CEO Jensen Huang) का बहुत बड़ा हाथ है. हुआंग ने 1993 में एनवीडिया की नींव रखी थी और तब से ही वे इसे लीड कर रहे हैं. कभी खाली हाथ अमेरिका आए हुवांग आज दुनिया की सबसे अमीर व्‍यक्तियों की लिस्‍ट में 24वें पायदान पर हैं. उनकी नेट वर्थ 52.7 अरब डॉलर हो चुकी है.

हुआंग का जन्‍म साल 1963 में ताइवान में हुआ. अपने बचपन के कुछ साल उन्‍होंने माता-पिता के साथ थाइलैंड में बिताया. केवल 9 साल की उम्र में ही उन्‍हें उनके माता-पिता ने उन्‍हें अमेरिका भेज दिया. वे कई साल अकेले ही अमेरिका में रहे और स्‍कूली शिक्षा ग्रहण की. बाद में उनके माता-पिता भी उनके पास आ गए. साल 1984 में ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और फिर 1992 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की.

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हुआंग ने 1984 में पढ़ाई पूरी करने के बाद एनवीडिया की प्रतिद्वंद्वी एएमडी कंपनी में नौकरी की. वहां उन्‍हें माइक्रोप्रोसेसर की डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग का काम दिया गया था. हुआंग ने एक साल से बस थोड़े ज्‍यादा समय तक ही एएमडी में काम किया था. एएमडी छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ दिन मार्केटिंग, इंजीनियरिंग और सामान्य प्रबंधन का अनुभव भी प्राप्‍त किया.

गेमिंग के शौक ने दिया कंपनी बनाने का आइडिया
हुआंग को गेमिंग बहुत पसंद है. उनके इसी शौक ने उन्‍हें एनवीडिया की नींव रखने को प्रेरित किया. गेम खेलते हुए वे महसूस करते थे कि कंप्‍यूटर ग्राफिक्‍स में और सुधार की गुंजाइश है. गेमिंग का बाजार बहुत बड़ा हो सकता है. इसी संभावना को अवसर में बदलने के लिए उन्‍होंने साल 1993 में अपने 30वें जन्‍मदिन पर कर्टिस प्रीम और क्रिस मैलाकोवस्की के साथ सिकोइया कैपिटल और कुछ अन्‍य की मदद से एनवीडिया की स्थापना थी. शुरू में यह कंपनी वीडियो-गेम ग्राफिक्स चिप्स बनाती थी.

आज ऐपल-गूगल का न चले एनवीडिया के बिना काम
एनवीडिया के ग्राहकों में आज गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, टेंसेट और अलीबाबा जैसी दिग्‍गज कंपनियां शामिल हैं. एनवीडिया की बनाई चिप की मदद से ही जेनेरेटिव एआई का आविष्‍कार हुआ है. क्रिप्‍टो करेंसी के चलन और एआई से एनवीडिया को बहुत लाभ हुआ. इन दोनों के लिए ही पावरफुल कंप्यूटरों की जरूरत होती है, जिनके लिए एनवीडिया चिप बनाती है.

7 महीनों में 17 अरब डॉलर बढ़ी नेट वर्थ
पिछले सात महीनों में ही जेसन हुवांग की नेट वर्थ में करीब 17 अरब डॉलर का इजाफा हो चुका है. जून 2023 में उनकी नेटवर्थ 36 अरब डॉलर थी. फैशन में ऐपल के स्‍टीव जॉब्‍स का ट्रेंड फॉलो करते हैं. हुआंग ने एनवीडिया के लोगो से इंस्‍पायर्ड टैटू अपनी बांह पर गुदवाया है. वो पिछले दस सालों से अहम मौकों पर वो ब्‍लैक लेदर बाइकर जैकेट पहनते आ रहे हैं. यह स्‍टीव जॉब्‍स (Steve Jobs) द्वारा पहनी जाने वाली टर्टलनेक जैकेट से मिलती-जुलती है.

Tags: Business news in hindi, Success Story, Successful business leaders


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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