केमिकल से होता था बच्चों का सिर दर्द, महिला ने बनाई खुद की गाय के गोबर से अगरबत्ती! अब लाखों में हो रही कमाई

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Cow Dung Incense: ज्योती सस्कर विभिन्न फूलों की सुगंध वाली अगरबत्ती बना रही हैं. उन्होंने संगमनेर तालुका में अपना प्लांट लगाया है और इस माध्यम से लाखों रुपये कमा रही हैं.
ज्योति सस्कर ने गाय के गोबर से शुरू किया बिजनेस
हाइलाइट्स
- ज्योति सस्कर ने गाय के गोबर से अगरबत्ती बनाकर लाखों कमाए.
- संगमनेर में प्लांट लगाकर विभिन्न फूलों की सुगंध वाली अगरबत्ती बनाई.
- ज्योति सस्कर ने कई महिलाओं को रोजगार भी दिया.
जलना: चाहे कोई भी क्षेत्र हो, अगर महिलाओं को सपोर्ट मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में ऊंचाइयों को छू सकती हैं. संगमनेर तालुका की ज्योती सस्कर ने यह साबित कर दिखाया है. जालना शहर में चल रहे गोदा समृद्धि कृषि प्रदर्शनी में उन्होंने अपना स्टॉल लगाया है और गाय के गोबर से धूप और अगरबत्ती बना रही हैं. इसके साथ ही वे विभिन्न फूलों की सुगंध वाली अगरबत्ती भी बना रही हैं. उन्होंने संगमनेर तालुका में अपना प्लांट लगाया है और इस माध्यम से लाखों रुपये कमा रही हैं. साथ ही कुछ महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं.
बता दें कि ज्योती सस्कर एक साधारण गृहिणी थीं. उनकी एक दोस्त ने शहर में लगी एक प्रदर्शनी में जाने के लिए उनसे आग्रह किया. प्रदर्शनी में उन्होंने विभिन्न स्टॉल देखे. वहां की विभिन्न वस्तुएं देखकर उन्हें भी कुछ अपना शुरू करने का विचार आया. फिर उन्होंने कुरडया पापड़ बनाने का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे उन्होंने विभिन्न बिजनेसों को बढ़ाया.
गाय के गोबर से बनी धूप और अगरबत्ती की सबसे ज्यादा मांग
ज्योती सस्कर ने बताया कि अगरबत्ती प्रेमी होने के कारण उन्हें इस क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा थी. केमिकल वाली अगरबत्ती से उनके साथ-साथ उनके बच्चों का भी सिर दर्द होता था. इसलिए उन्होंने शुद्ध गाय के गोबर से धूप और अगरबत्ती बनाने का बिजनेस संगमनेर में शुरू किया. इसके साथ ही विभिन्न फूलों की सुगंध वाली अगरबत्ती और धूप बनाना शुरू किया. उनके इस बिजनेस में उनके परिवार का भी समर्थन मिला. जालना शहर में चल रहे गोदा समृद्धि कृषि प्रदर्शनी में उनका स्टॉल सबका आकर्षण बना हुआ है और गाय के गोबर से बनी धूप और अगरबत्ती की सबसे ज्यादा मांग है.
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बता दें कि अगरबत्ती और धूप बनाने के इस बिजनेस के माध्यम से ज्योतीताई न केवल खुद सक्षम हुईं, बल्कि उन्होंने आसपास के चार से पांच लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है. महिलाओं को सही अवसर और समर्थन मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं और सफल हो सकती हैं.
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