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Mp News Chhatarpur Collector Sent Critical Patient To Bhopal By Air Ambulance – Amar Ujala Hindi News Live


मरीज भोपाल रेफर
– फोटो : अमर उजाला

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पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा आयुष्मान कार्डधारी मरीज के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे मरीज को अति आकस्मिक स्थिति में और बेहतर उपचार के लिए रेफर होने में तत्काल मदद मिलती है और कम समय में मरीज को एयर एंबुलेंस के माध्यम से रेफर किया जाता है। कलेक्टर पार्थ जैसवाल की अनुमति पर लवकुशनगर अनुभाग के ग्राम बछौन के मरीज को जिला अस्पताल से गंभीर हालत में खजुराहो से एयर एंबुलेंस के माध्यम से भोपाल रेफर किया गया। यह छतरपुर जिले का पहला मामला है। 

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सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा से मरीज सिद्ध गोपाल पुत्र दरबारी तिवारी (35) निवासी ग्राम बछौन को चिरायु मेडिकल कालेज भोपाल में भर्ती कराया गया है। संबधित मरीज को शुक्रवार को खून की कमी एवं ब्लीडिंग पर रेक्टिम (रक्त स्त्राव) के कारण जिला अस्पताल छतरपुर में भर्ती कराया गया था। संबधित मरीज आयुष्मान कार्ड धारक है। आयुष्मान की पात्रता अनुसार उपचार हेतु पांच लाख की मुफ्त उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। संबंधित मरीज को सिविल सर्जन एवं सर्जिकल विशेषज्ञ की अनुशंसा उपरांत शासन के नियम अनुसार उच्च स्वास्थ्य संस्थान में बेहतर एवं त्वरित इलाज हेतु निःशुल्क एयर एंबुलेंस से खजुराहो से भोपाल भेजा गया एवं चिरायु मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। मरीज के परिजनों ने इस योजना के लिए सरकार का आभार जताया है।

प्रसूता ने घर पर दिया बच्ची को जन्म, हालत बिगड़ी

छतरपुर जिले के नौगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरट में एक प्रसूता महिला ने रविवार रात प्रसव पीड़ा होने पर घर पर ही बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद महिला की हालत बिगड़ जिसे एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव लाया गया, जहां महिला ने दम तोड़ दिया।

जानकारी के अनुसार, ग्राम बरट निवासी मनोज राजपूत की 28 वर्षीय पत्नि गोरा राजपूत को बीती रात प्रसव पीड़ा है और उसने घर पर ही एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी तभी परिजन उसे एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव लाए। जहां इलाज के पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं, बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में मशीन में रखा गया है। मृतिका गोरा राजपूत की पहले से दो बच्चियां हैं।

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

शासन द्वारा गांव-गांव में प्रत्येक गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जाता है और समय-समय पर उनका चेकअप होता है। लेकिन कहीं न कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के काम करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। अगर परिजनों या महिला को सही समय पर सही जानकारी दी जाती तो वह अस्पताल में आकर प्रसव कराते तो शायद उसकी जान बच सकती थी। सुबह मृतिका का पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।  


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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