The new jail will have a separate barrack for third gender | इंदौर; नई जेल में होगी थर्ड जेंडर की अलग बैरक: एमपी में पहली बार ऐसी व्यवस्था; हाई सिक्योरिटी बंदियों के लिए 31 अंडा सेल भी – Indore News

सांवेर रोड पर बन रही नई जेल प्रदेश में अपने आप में अलग तरह की होगी। इसमें बंदियों की कड़ी सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर दिया गया है। खास बात यह है कि नई जेल में थर्ड जेंडर के लिए अलग बैरक होगी। प्रदेश में पहली बार यह नई व्यवस्था होगी। अभी थर्ड जेंडर को म
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इन्दौर-उज्जैन मार्ग, सांवेर रोड पर मध्यप्रदेश की अत्याधुनिक जेल का निर्माण हो रहा है। जेल के पहले फेस में 60 करोड रुपए की लागत से एडमिशन ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, बंदी किचन, वॉच टावर, जी टाइप और एच टाइप क्वार्टर का निर्माण हुआ है।
दूसरे फेस में 217 करोड़ की लागत से 60 बेड का हॉस्पिटल, कैदियों के लिए वर्कशॉप, स्कूल, कम्युनिटी हॉल, ओपन थियेटर, मल्टीपर्पस हॉल, जीएचई और एफ टाइप स्टाफ क्वार्टर का निर्माण किया जाएगा।
नई जेल में ऐसी रहेगी व्यवस्थाएं
- करीब 4 हजार बंदियों को रखने की व्यवस्था रहेगी।
- 3870 पुरुष बंदी के बैरक, 120 महिला बंदी के बैरक और 10 थर्ड जेंडर बंदी के बैरक बनेंगे।
- सीसीटीवी कैमरों सहित अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण और अन्य सुरक्षा प्रबंध रहेंगे।
- जेल परिसर में हाई सिक्योरिटी बंदियों के 31 अंडा सेल का निर्माण भी होगा।
- परिसर में 331 जेलकर्मियों के आवास गृह का निर्माण होगा।
इंदौर की दोनों जेल में एक भी थर्ड जेंडर नहीं
वैसे अभी तक प्रदेश की सारी जेलों में थर्ड जेंडर को महिला बैरक में ही रखा जाता है। प्रदेश में पहली बार थर्ड जेंडर के लिए नई व्यवस्था होगी। इंदौर की सेंट्रल और जिला जेल में चार-पांच सालों से थर्ड जेंडर बंदी नहीं है। उधर, हाल ही में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जेल परिसर के बाहर अतिक्रमण की शिकायतें मिलने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही खुली जेल के खुली जेल का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
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