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CCTV surveillance is mandatory in Indore, cameras are closed in Bhopal | सुरक्षा पर संजीदगी नहीं: इंदौर में सीसीटीवी सर्विलांस अनिवार्य, भोपाल में कैमरे ही बंद – Bhopal News

शहर के विस्तार और आबादी के साथ अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है लेकिन शहर की गतिविधियों, संदिग्ध वाहनों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। सीमित रास्तों और चौराहों पर सिटी सर्विलांस एवं आईटीएमएस के सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमे

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इसके बाद भी भोपाल में सामुदायिक कैमरा निगरानी प्रणाली (सीसीटीवी कैमरा) को आवश्यक नहीं समझा गया है। इधर, पिछले दिनों नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इंदौर को मध्य भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक और शैक्षणिक केंद्र मानते हुए यहां सीसीटीवी कैमरा पॉलिसी लागू कर दी है। इसकी जिम्मेदारी कमिश्नर नगर पालिक निगम को सौंपी गई है। इसमें 100 से ज्यादा लोगों के इकट्‌ठा होने वाले स्थान और 1500 वर्गफीट के अधिक के प्लॉट साइज पर होने वाले आयोजनों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए गए हैं।

सीमित रास्तों पर ही हैं कैमरे: वारदात करके भागना या छिपना बदमाशों के लिए आसान

अभी शहर में यह है कैमरों की स्थिति…

2015-16 में सिटी सर्विलांस के तहत 153 लोकेशन पर 781 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इनमें फिक्स और पीटीजेड कैमरे शामिल हैं। तीन लोकेशन मिसरोद हाइवे, डीमार्ट कोलार रोड और रेजीमेंट रोड शाहजहांनाबाद में फिक्स और पीटीजेड कैमरों के साथ नंबर प्लेट रीड करने वाले एएनपीआर कैमरे लगे हैं।

शेष कैमरों से पुलिस लोगों पर नजर रखती है। वर्तमान में कोलार सिक्सलेन निर्माण के कारण बीमा कुंज, डीमार्ट और शालीमार चौराहे के कैमरे बंद हैं। इनके अलावा 28 लोकेशन पर आईटीएमएस के 330 कैमरे लगे हैं। इनमें सात लोकेशन पर एएनपीआर कैमरे हैं। शहर के 16 एंट्री और एक्जिट पाइंट पर सीसीटीवी कैमरों को लगाने का काम चल रहा है।

भोपाल में इसलिए भी आवश्यक है सीसीटीवी प्रणाली... भोपाल राजधानी है। यहां राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, विधानसभा, मंत्रालय के अलावा मंत्रियों, विधायकों और अफसरों के आवास हैं। आएदिन धरना-प्रदर्शन होते हैं। शहर में वीवीआईपी और वीआईपी का मूवमेंट अन्य शहरों से अधिक है। भोपाल अतिसंवेदनशील शहरों में आता है। यहां आतंकी एवं प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भोपाल को स्लीपर सेल का ठिकाना माना जाता है।

इंदौर में यहां अनिवार्य वाणिज्यिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान, धार्मिक, शैक्षणिक स्थल, अस्पताल, खेल परिसर, मनोरंजन स्थल, सभागार, होटल, आफिस, बैंक, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कवर्ड कैंपस काॅलोनी के द्वार, सभाएं, रैली, पंडाल।

इंदौर के अपराध व आबादी को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए गए हैं। भोपाल में भी इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजा जा रहा है। अवधेश गोस्वामी, एडिशनल पुलिस कमिश्नर


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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