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नौकरी में नहीं लगा मन तो छोड़कर शुरू किया यह काम, बदल गई तकदीर! आज बंपर हो रहा मुनाफा

Agency:News18 Uttar Pradesh

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Success Story: राजू विश्वकर्मा की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो नौकरी में असफलता के कारण खुद को हारा हुआ महसूस करते हैं. उनका मानना है कि यदि आप किसी चीज में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, तो नए रास्ते खोज…और पढ़ें

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राजू विश्वकर्मा द्वारा खुद का किया गया स्टार्टअप 

हाइलाइट्स

  • राजू विश्वकर्मा ने नौकरी छोड़कर ‘बिट्ठू किचन’ स्टार्टअप शुरू किया.
  • ‘बिट्ठू किचन’ शुद्ध, हेल्दी और पारंपरिक स्वाद वाले खाने पर फोकस करता है.
  • राजू की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है.

जौनपुर: कई सालों तक नौकरी करने के बावजूद जब सफलता नहीं मिली, तो एक युवक ने हिम्मत जुटाई और खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया. यह कहानी है राजू विश्वकर्मा की, जिन्होंने ‘बिट्ठू किचन’ नाम से अपना फूड स्टार्टअप अपनी बाइक पर शुरू किया और आज अपने फैसले से बेहद खुश हैं. उनका मानना है कि नौकरी में वह जितना आगे नहीं बढ़ सकते थे, उतना उनका खुद का बिजनेस उन्हें आगे ले जा सकता है.

सपनों और हकीकत के बीच संघर्ष

राजू विश्वकर्मा, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं उन्होंने एक कंपनी में नौकरी शुरू की थी. उनकी मेहनत और लगन के बावजूद नौकरी में उन्हें वह पहचान और सफलता नहीं मिल रही थी. जिसकी उन्हें उम्मीद थी. कई सालों तक नौकरी करने के बाद भी वे खुद को एक सीमित दायरे में फंसा हुआ महसूस कर रहे थे.

राजू बताते हैं मैंने कई सालों तक अलग-अलग कंपनियों में काम किया, लेकिन हर जगह बस एक ही कहानी थी – सुबह से रात तक काम, लेकिन न तो सैलरी में कोई बड़ा उछाल आया और न ही करियर में. मैं चाहता था कि मैं कुछ ऐसा करूं जिसमें मेरी खुद की पहचान बने और मैं अपने दम पर कुछ बड़ा हासिल कर सकूं.

‘बिट्ठू किचन’ की शुरुआत

नौकरी से संतुष्ट न होने के कारण राजू ने खुद का कुछ शुरू करने का फैसला किया. खाने के प्रति उनका प्यार और बाजार में फूड बिजनेस की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने ‘बिट्ठू किचन’ नाम से एक फूड स्टार्टअप की शुरुआत की. इस किचन का मकसद लोगों को स्वादिष्ट, हेल्दी और किफायती भोजन उपलब्ध कराना था.

कड़ी मेहनत रंग लाई

शुरुआत में कठिनाइयां भी आईं. नए बिजनेस में कई बार आर्थिक दिक्कतें आईं, लेकिन राजू ने हार नहीं मानी. उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनका ‘बिट्ठू किचन एक सफल स्टार्टअप बन चुका है. वह अपने बिजनेस को और विस्तार देने की योजना बना रहे हैं.

राजू कहते हैं कि अगर मैं नौकरी के भरोसे ही रहा होता तो शायद कभी भी अपने दम पर कुछ नहीं कर पाता. लेकिन इस स्टार्टअप ने मुझे आत्मनिर्भर बना दिया है और अब मैं खुद के फैसले ले सकता हूं.

स्टार्टअप की खासियत

‘बिट्ठू किचन’ की खासियत यह है कि यह शुद्ध, हेल्दी और पारंपरिक स्वाद वाले खाने पर फोकस करता है. यहां ग्राहकों को घर जैसा स्वाद मिलता है, जिससे यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

युवाओं को दिया संदेश

राजू विश्वकर्मा की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो नौकरी में असफलता के कारण खुद को हारा हुआ महसूस करते हैं. उनका मानना है कि यदि आप किसी चीज में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, तो नए रास्ते खोजें और खुद का कुछ शुरू करने की हिम्मत करें.
राजू का ‘बिट्ठू किचन’ सिर्फ एक बिजनेस नहीं, बल्कि मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है. उनका मानना है कि नौकरी से आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप अपनी सोच को बड़ा करें और खुद का कुछ शुरू करें, तो सफलता आपके कदम चूमेगी.

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नौकरी में नहीं लगा मन तो छोड़कर शुरू किया यह काम, आज बंपर हो रहा मुनाफा


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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