देश/विदेश

हिंदू बहुल आबादी और राजाओं वाले देश में भारतीयों ने फैलाया इस्‍लाम, अब वहां सबसे ज्‍यादा मुस्लिम

हाइलाइट्स

इंडो-इस्‍लामिक हैरिटेज सेंटर की रिपोर्ट में दावा
भारतीयों ने किया था इंडोनेशिया में इस्‍लाम का प्रचार
अब बना दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश

जकार्ता. इंडोनेशिया के कई मौलवीयों का दावा है कि कभी जहां हिंदू बहुल आबादी और हिंदू राजा हुआ करते थे, अब वह दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश बन गया है. इस देश में करीब 23.1 करोड़ लोग इस्‍लाम को मानते हैं. इंडो-इस्‍लामिक हैरिटेज सेंटर की एक रिपोर्ट की मानें तो इंडोनेशिया में इस्‍लाम भारतीयों द्वारा फैलाया गया था. कई इतिहासकारों और इस्‍लामी द्वानों ने भी इस बात की पुष्टि की है. इंडोनेशिया में उसी तरह इस्‍लाम माना जाता है जैसा कि भारत में प्रचलित है. दोनों देशों में कई समानताएं हैं. यहां लोग नमाज पढ़ते हैं, रोजा रखते हैं और हज की यात्रा करते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कारोबारी जब इंडोनेशिया पहुंचे तब उन्‍होंने इस्‍लाम को भी पहुंचाया. इंडोनेशिया के द्वीप जावा और सुमात्रा में सुल्‍तान मलिक अल सालेह के मकबरे भी वैसे ही हैं जैसे गुजरात में पाए जाते हैं. वहीं एक प्रसिद्ध डच द्वान स्‍नूक हुरग्रोन्‍जे ने भी इस बात की पुष्टि की है. उन्‍होंने गुजराती मुसलमानों की परंपराओं की तुलना इंडोनेशिया के मुसलमानों की परंपराओं से की और बताया कि दोनों में कई बातें एक जैसी ही हैं. इधर, इतिहासकारों का मानना है कि सुल्तान मलिक अल-सालेह ने 1267 में समुदेरा पासई के पहले मुस्लिम राज्‍य की स्‍थापना की थी.

गुजरात और बंगाल के सूफी मिशनरी गए थे इंडोनेशिया
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के गुजरात और बंगाल के सूफी मिशनरी इंडोनेशिया गए थे. यहां सूफी उपदेशक के रूप में आए, ये राजनेता के रूप में भी पहुंचे. ये लोग कस्‍बों में जाकर इस्‍लाम का प्रचार करते थे. रिपोर्ट के अनुसार भारत के पश्चिमी तटों के व्‍यापारी जावा और सुमात्रा जाकर व्‍यापार करते थे. इसमें व्‍यापारी, अमीर और शासक वर्ग भी उनके प्रभाव में आकर इस्‍लाम को मानने लगा. कई सालों की प्रक्रिया में यहां मुस्लिम आबादी बढ़ती गई.

Tags: Indonesia, Islamic


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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