Aimim’s Feet Started To Fall From The State Before It Could Settle Down In Mp – Amar Ujala Hindi News Live

जमने से पहले उखड़ने लगे प्रदेश से AIMIM के कदम
– फोटो : अमर उजाला
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प्रदेश में AIMIM को स्थापित करने से लेकर पार्टी प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी की इकलौती आमसभा के अगुआ बने तौकीर निजामी ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कारण बताते हुए उन्होंने पार्टी में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ को उकेरा है।
तौकीर ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि वे और उनके जैसे कई लोगों ने AIMIM का साथ इसलिए पकड़ा था कि यहां मुस्लिमों और दलितों के हित की बात कही जाएगी, लेकिन हालात यह हैं कि यह पार्टी वोट कटुआ और बीजेपी को फायदा पहुंचाने वालों के रूप में प्रसिद्ध हो चुकी है। तौकीर का कहना है कि इस स्थिति से उन लोगों के सामने विकट हालात बन रहे हैं, जो AIMIM का झंडा लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच पहुंचते हैं।
इसलिए बने इस्तीफे के हालात
AIMIM कोर कमेटी सदस्य तौकीर ने इस्तीफे के पीछे बड़ा कारण उस मामले को बताया, जिसमें पार्टी के कुछ जिम्मेदारों ने राजधानी भोपाल में सरे राह गुंडागर्दी कर डाली। AIMIM के कोर मेंबर ताहिर अनवर और उनके साथी शोएब ने शहर के एक मुफ्ती के साथ मारपीट, अभद्रता, गाली गलौज की। जिसको लेकर थाना तलैया में इन लोगों के खिलाफ भादवि की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। हालांकि बाद में ताहिर अनवर और मुफ्ती के बीच समझौता हो गया है।
इसलिए प्रदेश में AIMIM को उम्मीदें
मप्र की 230 सीटों में करीब 45 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जिनपर मुस्लिम बहुलता मानी जाती है। इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर, भोपाल, विदिशा, सतना जैसे कई जिलों में मुस्लिम वोटों का आंकड़ा कुल मतदाताओं के 10 फीसदी के आसपास है। कई स्थानों पर तो किसी भी उम्मीदवार या पार्टी की जीत हार का फैसला ही मुस्लिम समुदाय के वोटों से होता आया है। मुस्लिम वोट प्रतिशत की बहुलता को देखते हुए AIMIM मप्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में जुटी है। पिछले निकाय चुनावों में पार्टी को आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों की जीत हासिल भी हुई है। खंडवा जिला मुख्यालय पर AIMIM का महापौर प्रत्याशी जीत की कगार तक पहुंच चुका था।
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