Halloween party at MGM, purification by sprinkling Ganga water | इंदौर की किंग एडवर्ड बिल्डिंग का गंगाजल से शुद्धिकरण: पुराने मेडिकल स्कूल में जैन सोशल ग्रुप ने की हैलोवीन पार्टी, हडि्डयों के ढांचे, खूनी फव्वारा और कंकाल से किया डेकोरेशन – Indore News

इंदौर की ऐतिहासिक इमारत किंग एडवर्ड मेडिकल स्कूल बिल्डिंग का बुधवार सुबह डॉक्टरों ने गंगाजल से शुद्धिकरण किया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग में हुई हैलोवीन (भूतहा) पार्टी पर डॉक्टरों ने विरोध जताया है। मेडिकल टीचर्स
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दरअसल, रविवार को जैन सोशल ग्रुप द्वारा यहां हैलोवीन पार्टी की गई। मेडिकल टीचर्स एसोसिएसन ने पार्टी के आयोजन की निंदा की और झूठे बहाने के तहत अनुमति प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी मांग की। मंगलवार को डॉक्टर जब इमारत के अंदर पहुंचे तो वहां कांच की फूटी बोतलें और दीवार पर लिखे स्लोगन देखकर हैरान हो गए।
ओ स्त्री कल आना जैसे स्लोगन लिखे
जैन सोशल ग्रुप के इस आयोजन में ऐतिहासिक परिसर को प्रेतबाधित थीम पार्क में बदल दिया गया था। इसमें लाल रंग में कंकाल, खून से लथपथ फव्वारे जैसी भयानक सजावट और ‘ओ स्त्री कल आना’, लास्ट डे ऑन अर्थ, डॉल, दिल और ‘आरआईपी’ जैसे स्लोगन शामिल थे। कब्रों के अवशेष, कब्रों में शांति से सोइए लिखा। पार्टी की डरावनी थीम को मैच करने के लिए हडि्डयों के ढांचे का इस्तेमाल किया गया। खून से रंगने के लिए लाल रंग का प्रयोग किया गया। कमरों में शराब की फूटी बोतलें भी मिलीं। पास में ही खाद्य व औषधि विभाग का ऑफिस है। वहां खड़ी गाड़ी के कांच भी फोड़े।
एमटीए के अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े का कहना है कि आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने स्मारक भवन और चिकित्सा बिरादरी को अपमानित करने के लिए सभी मानदंडों को ताक पर रख दिया था। केईएम स्कूल चिकित्सा शिक्षा के लिए विरासत है। ऐसे आयोजन यहां स्वीकार्य नहीं हैं।
1948 में बनी इमारत
किंग एडवर्ड हॉल बिल्डिंग साल 1948 में बनी। इसी इमारत से इंदौर का मेडिकल इतिहास आरंभ हुआ। 1950 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज शुरू होने से पहले इसी बिल्डिंग में मेडिकल स्कूल संचालित होता था।
नहीं दी अनुमति
किसी को भी पार्टी करने की अनुमति नहीं दी। एक जैन सोशल ग्रुप को वहां का मुआयना करना था, जिसके लिए मौखिक अनुमति दी गई थी। जब इस पार्टी की जानकारी मिली तो हमने किसी भी तरह की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। – डॉ.संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज
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