He made the agents who had left the job as directors of the company and himself absconded | करोड़ों का ‘चीट’ फंड…: काम छोड़ चुके एजेंटों को कंपनी का डायरेक्टर बनाकर खुद हो गए फरार – Vidisha News

बेतवांचल इंडिया निधि लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों ने 200 एजेंटों के माध्यम से करीब 6 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराई। इसके लिए विदिशा, रायसेन, सीहोर, अशोकनगर, सागर, भोपाल जिले के तहसील क्षेत्रों में कंपनी के ऑफिस खोले और 5 हजार से ज्यादा लोगों से निव
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इसके बाद कंपनी के असली डायरेक्टर नीलेश राजपूत और उसके भाई बृजेश राजपूत आदि ने दो साल पहले गुपचुप तरीके से डायरेक्टर बदल दिए। ये डायरेक्टर वो लोग बनाए गए जो काम छोड़ चुके थे। इनमें सैलून संचालक, ऑटो चालक और बंगाली डॉक्टर के नाम है। जबकि असली डायरेक्टर ने लोगों द्वारा जमा कराई गई मेहनत की 30 लाख की पूंजी से खुद की शादी कर ली।
40 लाख का मकान बना लिया और 3 हार्वेस्टर, 2 जेसीबी खरीदकर रफूचक्कर हो गए। करीब 15 दिन पहले विदिशा के पूरनपुरा गली नंबर 5 स्थित कंपनी के हेड ऑफिस को बंद कर दिया गया। इस वजह से कंपनी के एजेंट और निवेशक परेशान हो रहे हैं। संस्थान के लिए काम कर रहे एजेंटों ने इस फर्जीवाड़े को उजागर किया है।
असली आरोपी पर केस नहीं
मंगलवार को कलेक्टर को व्यथा सुनाते हुए एजेंटों ने कहा कि असली डायरेक्टरों ने बाद में बनाए गए डायरेक्टरों पर केस करा दिया। इन डायरेक्टरों में महेन्द्र सिंह सराठे, अमित मलिक, प्रदीप कुशवाह शामिल हैं। महेंद्र सैलून चलाते थे और दो साल पहल काम छोड़ चुके हैं। जबकि प्रदीप कुशवाह भोपाल में ऑटो चलाता है।
नीलेश, बृजेश हैं असली मास्टरमाइंड
बैरसिया निवासी अशोक अहिरवार और अन्य एजेंटों ने बताया कि नीलेश राजपूत और उसके भाई बृजेश ने 2020 में कंपनी शुरू की थी। 3 साल पहले यह उदयनगर कॉलोनी में किराए से रहते थे। इन लोगों ने ग्राहक जमा राशि से स्वयं की प्रॉपर्टी बनाई। ज़मीन मां के नाम पर खरीदी है। 40 लाख रुपए का खुद का घर बनाया है। वहीं नीलेश ने करीब 30 लाख रुपए से अपनी शादी कर ली। ये रुपए सभी ग्राहकों के थे। ये दोनों लोग ही असली मास्टरमाइंड हैं।
मामले की जांच की जा रही है
प्रकरण दर्ज किया गया है। अब इसकी जांच शुरू होगी। जांच में पूरी हकीकत पता चल जाएगी। जो असली दोषी होगा वो जांच में सामने आएगा। – अतुलसिंह, सीएसपी, विदिशा
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