अजब गजब

17 की उम्र में कंपनी से जुड़ीं, 300 करोड़ के बिजनेस को 8000 करोड़ तक पहुंचाया, जानें नादिया चौहान की कहानी

हाइलाइट्स

नादिया चौहान की बचपन से बिजनेस में रूचि थी.
नादिया अब कंपनी की जॉइंट डायरेक्टर भी हैं.
पार्ले एग्रो का फ्लैगशिप प्रोडक्ट फ्रूटी है.

नई दिल्ली. नादिया चौहान का जन्म कैलिफोर्निया में हुआ लेकिन उनका पालन-पोषण मुंबई में हुआ. उनके पिता का नाम प्रकाश चौहान है जो पार्ले एग्रो के चेयरमैन थे. नादिया की 2 बहनें और हैं जो उनसे बड़ी हैं. नादिया केवल 17 साल की थी जब उन्हें पारले एग्रो को ब्रांड मैनेजर की पोस्ट पर ज्वाइन किया. बिजनेस नादिया के खून में था और उन्होंने यह साबित भी किया. वह ब्रांड मैनेजर से चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और फिर जॉइंट डायरेक्टर तक के पद पर पहुंची.

नादिया ने जब औपचारिक रूप से अपनी जिम्मेदारी संभाली तब कंपनी केवल फ्रूटी ही बनाती थी. उस समय कंपनी का टर्नओवर 300 करोड़ रुपये था. पार्ले एग्रो का 95 फीसदी रेवेन्यू फ्रूटी से ही आता था. उन्होंने सबसे पहले इसकी पैकेजिंग बदलने का फैसला किया. जो पैकेट पहले ग्रीन कलर का था उसे पके आम यानी पीले रंग का किया गया. यह आइडिया हिट रहा. इसके बाद उन्होंने फ्रूटी की पहचान को बदलने के लिए कदम उठाया. अब तक जो फ्रूटी केवल बच्चों को ध्यान में रखकर अपना विज्ञापन तैयार करती थी, उसने अब युवा से लेकर वृद्धों तक सबको लक्ष्य बनाना शुरू किया. इससे कंपनी की सेल में तेज उछाल आया.

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रेवेन्यू के नए स्रोत
नादिया ने देखा कि कंपनी केवल फ्रूटी पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है. ऐसे में अगर कुछ भी ऊपर-नीचे होता है तो कंपनी के पास कोई बैकअप नहीं है. इसलिए फ्रूटी से अलग अब कंपनी ने पीने का बोतल बंद पानी बेचने का फैसला लिया. इस तरह bailey (बेली) की जन्म हुआ. नादिया यहीं नहीं रुकी. उन्होंने एक नई सॉफ्ट ड्रिंक पर भी दांव खेला. आम के बाद उन्होंने सेब से बनी ड्रिंक एपी फिज लॉन्च की. फिज की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग सब अव्वल रही और ये प्रोडक्ट मार्केट ने हाथों-हाथ लिया. फिज को 2005 में लॉन्च किया गया था. आज यह ड्रिंक बाजार में खुद को शानदार तरीके से स्थापित कर चुकी है.

8000 करोड़ रुपये का हुआ बिजनेस
पार्ले एग्रो का बिजनेस 2022-23 में 8000 करोड़ रुपये का हो चुका है. फ्रूटी का रेवेन्यू करीब 4000 करोड़ हो गया है लेकिन ओवरऑल रेवेन्यू में इसकी हिस्सेदारी घटकर 48 फीसदी रह गई है. यानी फ्रूटी से कंपनी की कमाई तो बढ़ी है लेकिन उस पर निर्भरता को कम कर दिया गया है. नादिया आज कंपनी की जॉइंट डायरेक्टर भी हैं. उनका लक्ष्य कंपनी को 2030 तक 20000 करोड़ रुपये की टर्नओवर वाली फर्म बनाने का है.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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