सिविल सेवा परीक्षा का खर्च निकालने के लिए स्टुडेंट ने शुरू किया ऐसा बिजनेस, बन गया आत्मनिर्भर, जानें सक्सेस की कहानी

खंडवा: हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपने जीवन में सफल हो और अपने सपनों को साकार करे. खंडवा के पवन वास्कले की कहानी ऐसे ही संघर्ष और आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल है. पवन, जो पोस्ट ग्रेजुएट हैं और पीएससी तथा यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए केला चिप्स बेचने का रास्ता अपनाया.
पवन वास्कले का संघर्ष सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है. वे दिन में केला चिप्स बनाते और बेचते हैं, जबकि सुबह के समय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. पवन की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है, जो बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और किसी बहाने से अपने सपनों को पूरा करने से पीछे हटते हैं.
पीएससी, यूपीएससी की तैयारी और चिप्स बेचने का सफर
पवन वास्कले, जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, का सपना आईएएस ऑफिसर बनने का है. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने पीएससी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की. लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे सकें. परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए पवन ने केला चिप्स बेचने का काम शुरू किया. पवन खंडवा के एलआईसी ऑफिस के पास सड़क किनारे 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से केला चिप्स बेचते हैं.
उनका दिन इस तरह से बंटा हुआ है कि सुबह के वक्त वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और उसके बाद दिनभर केला चिप्स बनाकर बेचते हैं. पवन का मानना है कि सफलता के लिए संघर्ष जरूरी है और उन्होंने इस संघर्ष को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है. बिना किसी बहाने के वे मेहनत कर रहे हैं और अपने सपने को सच करने के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में जुटे हुए हैं.
आर्थिक चुनौतियों का सामना और आत्मनिर्भरता
पवन वास्कले का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. इस वजह से उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करना पड़ता है. पवन बताते हैं, “मेरे घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब है, लेकिन मुझे अपने परिवार की मदद करनी है और साथ ही अपने सपने को भी पूरा करना है. इसीलिए मैंने केला चिप्स बेचने का काम शुरू किया. इससे मैं अपनी पढ़ाई के खर्च के साथ घर के खर्च भी चला पाता हूं.”
पवन का यह कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार रहा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी आत्मनिर्भर बनने का रास्ता तलाशा जा सकता है. उनकी इस मेहनत और संघर्ष ने उन्हें खंडवा में एक प्रेरणास्रोत बना दिया है.
युवाओं के लिए प्रेरणा
पवन वास्कले की कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और किसी काम में हाथ डालने से हिचकते हैं. पवन का मानना है कि किसी भी परिस्थिति में मेहनत से पीछे हटना नहीं चाहिए. वे कहते हैं, “मेरे लिए सबसे जरूरी है कि मैं आईएएस ऑफिसर बनूं. इसके लिए मैं पढ़ाई के साथ-साथ जो भी काम कर सकता हूं, वह कर रहा हूं.”
उनकी इस सोच और मेहनत ने उन्हें खंडवा में एक विशेष पहचान दिलाई है. युवा पवन की तरह आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 18:24 IST
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