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बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में तैनात पुलिसवाले ने क्यों नहीं चलाई गोली? लॉरेंस गैंग ने क्यों चुना दशहरे का दिन?

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. न्यूज18 इंडिया को बाबा सिद्दिकी हत्याकांड से जुड़ी सबसे सटीक और पुख्ता जानकारी मिली है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या का एक मकसद सलमान खान के साथ-साथ पूरे मुंबई और मायानगरी में दशहत पैदा करना था. पुलिस इस हत्याकांड में दाऊद कनेक्शन की भी जांच कर रही है. माना जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी को मारने के पीछे एक मकसद अंडरवर्ल्ड और दाऊद इब्राहिम तक संदेश पहुंचाना भी था.

पुलिस की अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि शूटर्स ने 28 दिनों में 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर रेकी करने गए थे. शूटर्र वहां आसपास घंटों रुकते थे और हर मूवमेंट ट्रेक करते थे. इसके बाद फिर उन्होंने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए दशहरे का दिन चुना.

पुलिस इस बात से भी हैरान है कि इन शूटरों ने बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए दशहरे का दिन क्यों चुना. उस दिन मुंबई के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बेरिकेट्स लगी रहती है और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होती है.

बाबा सिद्दिकी की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी होते हैं. घटना के ठीक पहले ही सुरक्षाकर्मियों की शिफ्ट चेंज हो रही थी. वह फायरिंग के वक्त एक सुरक्षाकर्मी बाबा सिद्दीकी के साथ ही मौजूद था पर उसने जवाबी फायरिंग क्यों नहीं की. पुलिस इसकी भी जांच कर रही है.

शूटरों से कॉर्डिनेट कर रहा था जीशान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वारदात के वक्त जीशान अख्तर मुंबई से बाहर था. वह मुंबई के बाहर से ही पूरे ऑपरेशन को कॉर्डिनेट कर रहा था. पता चला है कि इन शूटरों को शुभम लोनकर का भाई प्रवीण पुणे से मुंबई छोड़ने आया था. इन शूटरों को शुभम ने ही पैसे दिए थे.

पुलिस की जांच में पता चला है कि बाबा सिद्दिकी को मारने के लिए हथियार पंजाब से आए थे. उनके पास से बरामद 9.9 MM पिस्टल विदेशी है और शक है कि यब पिस्टल पाकिस्तान या नेपाल से जीशान तक पहुंची हो. मौके से पकड़े गए 2 शूटरों के पास 3 मोबाइल बरामद हुए हैं. उसमें कई नंबर बिना सेव के डायल में मिले हैं. पुलिस फिलहाल इन नंबरों की जांच कर रही है.

शिव कुमार को लॉरेंस गैंग से मिल रहे ऑर्डर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले शिव कुमार को लॉरेंस गैंग से सिग्नल, टेलीग्राम और स्नैपचैट पर आदेश आ रहे थे. शिव वो जानकारियां बाकी शूटरों धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह से साझा कर रहा था. शूटरों को प्लानिंग के वक्त ही बता दिया था कि टारगेट कौन है और उसे क्यों मारना है.

शिव को हत्या के बाद उज्जैन के पास ओंकारेश्वर जाना था, जहां उसे लारेंस गैंग के किसी गुर्गे से मिलना था. पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद भाग रहे शिव और गुरमेल को तो दबोच लिया, लेकिन शिव अब तक पकड़ से बाहर है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है.

Tags: Mumbai murder, Mumbai police


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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