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हरियाणा की हार से हिल गए राहुल गांधी तो झारखंड के लिए सीखा सबक, इंडिया अलायंस में अब सब सेट! यह फॉर्मूला होगा लागू

हाइलाइट्स

झारखंड में विधानसभा चुनाव की कभी भी हो सकती है घोषणा. जानिये INDIA गठबंधन में संभावित सीट शेयरिंग का फॉर्मूला.

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. दशहरा बीतने के साथ ही सीट शेयरिंग को लेकर INDIA गठबंधन की बैठक को लेकर चर्चा तेज हो गई है. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही सीट शेयरिंग की बैठक बुलाई जाएगी. INDIA गठबंधन में शामिल प्रमुख चार दलों ने सीट शेयरिंग को लेकर होमवर्क करना शुरू कर दिया है. जेएमएम विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में नजर आएगी. जेएमएम केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय के अनुसार, हर दल होमवर्क कर रहा है, और जो जिस सीट पर मजबूत स्थिति में होगा, जिसका सामाजिक और राजनीतिक समीकरण बेहतर होगा, उसका उम्मीदवार चुनावी मैदान में होगा.

वहीं, झारखंड में INDIA गठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग का संभावित फॉर्मूला भी सामने आया है. सूत्रों के अनुसार, इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जो फार्मूला तय हो रहा है इसके तहत जेएमएम 43 से 45 सीटों पर लड़ सकता है. कांग्रेस के खाते में 25 से 28 सीटें आने की संभावना है, वहीं राजद को गठबंधन के तहत 5 से 7 सीटें मिल सकती हैं. जबकि, बगोदर, राजधनवार,  जमुआ, निरसा और सिंदरी सीट पर भाकपा माले चुनाव लड़ना चाहती है. बताया जा रहा है कि माले के हिस्से में 3 से 4 सीटें जा सकती हैं. सीट शेयरिंग के इस फार्मूले में 2 सीट कम या ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है.

INDIA गठबंधन के अंदर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के नेता रविन्द्र सिंह के अनुसार, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला आपसी सहमति से तय कर लिया जाएगा. कांग्रेस ने वैसे तो 33 सीट पर अपना दावा ठोका है. इधर, माले भी इंडिया ब्लॉक के तहत कम से कम 5 सीट पर अपनी दावेदारी जता रहा है. माले राज्य सचिव मनोज भक्त के अनुसार, मासस के साथ आ जाने से माले की सीट में इजाफा तय है. माले कई सीटों पर मजबूत स्थिति में है और इसका लाभ गठबंधन को मिलेगा.

झारखंड में INDIA गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का फार्मूला उसके परिणाम पर बड़ा असर करेगा. अगर गठबंधन ने बगैर किसी टूट के अपनी सीट बांटने में सफलता पाई, तो चुनावी समर में उसका फायदा मिल सकता है. लेकिन, अगर INDIA गठबंधन में दरार पैदा हुई तो इसका सीधा लाभ NDA को मिलेगा. इसका मतलब सीधा यह समझा जा सकता है कि अगर टूट जैसी कोई भी बात हुई तो इंडिया गठबंधन का वही होगा जो कांग्रेस का हरियाणा में हुआ है.

Tags: Hemant soren, INDIA Alliance, Jharkhand news, Rahul gandhi


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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