The festival of Deepawali starts first in the country during Mahakaal | महाकाल, रामराजा, करुणाधाम मंदिर का ड्रोन व्यू: भस्म आरती में बाबा को लगा उबटन; मोहन यादव ने सीएम हाउस में बनाई रंगोली – Ujjain News

हिंदू परंपरा का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली देश में सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाया गया। गुरुवार तड़के भस्म आरती में महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को केसर, चंदन, इत्र का उबटन लगाया। अन्नकूट का भोग भी लगाया गया।
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दीपावली के स्वागत के लिए मध्यप्रदेश एक दिन पहले 30 अक्टूबर को पूरी तरह जगमगा उठा। गली, मोहल्ले, शॉपिंग मॉल्स, सरकारी-गैर सरकारी बिल्डिंग्स पर लाइटिंग है। आसमान में आतिशबाजी और जमीन पर दीयों-झालरों की रोशनी है। इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दिवाली होने से लोगों को खुशियों का डबल डोज मिला है।
उज्जैन में महाकाल मंदिर के अलावा एमपी की अयोध्या यानी ओरछा में रामराजा मंदिर और प्रदेश के दूसरे मंदिरों पर अलौकिक – अतुलनीय छटा बिखरी हुई है। राजधानी भोपाल की रंगत देखते ही बन रही है, तो अहिल्या बाई की नगरी और प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर भी पीछे नहीं हैं।
उधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में अपने आवास पर बालिका महक साहू के साथ रंगोली बनाई।
पहले तीन मंदिरों के दर्शन…
महाकाल मंदिर।

रामराजा मंदिर, ओरछा।

करुणाधाम, भोपाल
अब गर्म जल से स्नान करेंगे महाकाल सुबह 4 बजे भस्म आरती के दौरान स्नान के बाद महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। पुजारी महेश गुरु ने बताया की कार्तिक मास की चौदस से ठंड की शुरुआत मानी जाती है, इसलए आज से महाशिवरात्रि तक महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। पुजारी के मुताबिक, भगवान महाकाल मृत्यु लोक के राजा माने जाते हैं। दिवाली पर महाकाल को अन्नकूट लगता है। इसमें धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी, मिठाई समेत भोग की थाली में मूली की सब्जी, बैंगन की सब्जी अर्पित की गई।
तस्वीरों में शहरों की रंगत

भोपाल।

महाकाल की नगरी उज्जैन।

जबलपुर में मां नर्मदा की महाआरती हुई।

ग्वालियर शहर।
दीपावली पूजा में कैसी हो महालक्ष्मी की तस्वीर




दीपदान का मुहूर्त

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