मध्यप्रदेश

Regulated workers should be regularized | सफाईकर्मी आयोग के अध्यक्ष करोसिया बोले- 10 सालों से काम कर रहे कर्मचारी

खरगोन14 मिनट पहले

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मप्र राज्य सफाई कर्मी आयोग के कैबिनेट दर्जा प्राप्त अध्यक्ष प्रताप करोसिया ने कलेक्टर सभागृह में सफाईकर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बैठक ली। बैठक में सफाई कर्मियों के वेतन मानदेय अनुकंपा, पेंशन, आवास, पट्टे और उनको जीवन निर्वाह में जो समस्याएं आ रही है। उनसे संबंधित शासन के आदेश निर्देशों के तहत व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने पर ज्यादा फोकस किया गया। साथ ही कैबिनेट दर्जा प्राप्त अध्यक्ष करोसिया ने कहा कि उनके पास सफाईकर्मियों के समय-समय पर प्राप्त ज्ञापन और आवेदनों में जो समस्याएं बताई गई है।

इस संबंध में उनके द्वारा नगरीय क्षेत्रों के अलावा जनजाति कार्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग में संलग्न सफाईकर्मियों के डेटा और उन्हें प्रदाय किए जाने वाले वेतन या मानदेय की जानकारी ली गई। जानकारी के बाद कैबिनेट दर्जा प्राप्त अध्यक्ष करोसिया ने श्रम विभाग द्वारा जारी आदेश के पालन में कलेक्टर पर निश्चित की गई है। दर पर घंटे के अनुसार, वेतन प्रदाय करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, शहरी विभाग अभिकरण परियोजना अधिकारी प्रियंका पटेल, खरगोन सीएमओ एमआर निंगवाल, सीएमएचओ डॉ. एमएस सिसोदिया, जनजाति कार्य विभाग के एबी गुप्ता और सभी निकायों के सीएमओ के अलावा सफाई कर्मी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

अध्यक्ष ने सफाईकर्मियों के हितों पर दिए निर्देश

सफाई कर्मी आयोग के अध्यक्ष करोसिया ने सभी नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देश दिए कि साल 2022 में शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए ऐसे विनियमित सफाई कर्मचारी जो 10 सालों से कार्य कर रहें है। उन्हें पद रिक्त होने की दशा में 1 माह के भीतर नियमित करने के निर्देश दिए है। साथ ही निकायों में कार्यरत ऐसे दैनिक वेतन भोगी जिनकी मृत्यु हुई है उनके वारिसों को 2 लाख और विनियमित कर्मी को 1.25 लाख रुपए आवेदन प्राप्त के 7 दिनों के भीतर अनुकंपा अनुदान प्रदान किया जाए। साथ ही ग्रेच्युटी के आवेदन पर मप्र शासन और भारत शासन के नियमों के अनुसार भुगतान करने के निर्देश दिए गए।

ठेकेदारों के साथ बैठक कर कलेक्टर दर की समीक्षा करें

सफाई कर्मी आयोग के अध्यक्ष करोसिया ने ऐसे सभी विभागों को निर्देश दिए है जो ठेके पद्धति पर सफाई कामगार से कार्य लेते हैं। ठेकेदारों के साथ बैठक कर इस बात की समीक्षा करें कि क्या उन्हें ठेकेदार कलेक्टर दर पर स्वीकृत वेतन प्रदान कर रहे हैं ? साथ ही ईएसआई और ईपीएफ का कटोत्रा हो रहा है या नहीं ? क्योंकि विभागों द्वारा ठेकेदारों को भुगतान किया जाता है। फिर ठेकेदार उन्हें राज्य शासन के नियमानुसार भुगतान करते है या नहीं ? यह देखना भी सम्बन्धित विभाग का दायित्व है। अध्यक्ष द्वारा इस बिंदु पर विशेष तौर पर जोर दिया गया कि जिले में हाथों और सिर पर मेला ढोने की प्रथा अगर समाप्त हुई है तो ऐसे व्यक्तियों को प्रशिक्षण देकर पुनर्वास करना चाहिए। पीओ डूडा और जिला पंचायत से इस संबंध में सूची भी मांगी गई।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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