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शरद पवार फैमिली में शुरू हुआ खेल, अजीत पवार के प्रति नरम दिखे बड़े साहेब, दूसरे भतीजे ने भी…

चंद्रकांत फुंडे और जीतेंद्र जाधव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल अब किसी भी क्षण बज सकता है. इस बीच राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर है. बीते लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली एनसीपी शरद पवार गुट उत्साह से भरपूर दिख रही है. इस पार्टी ने पश्चिमी महाराष्ट्र पर करीब-करीब कब्जा कर लिया है. इन क्षेत्रों में जो भी अजित पवार समर्थक थे, उनमें से आधे अब शरद पवार के गुट में शामिल हो गए हैं. इस बीच पुणे जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए बुधवार को उम्मीदवारों के साक्षात्कार आयोजित किए गए. लेकिन बारामती में रुचि रखने वाले युगेंद्र पवार अनुपस्थित थे. इससे राजनीतिक चर्चा छिड़ गई है.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को पुणे में शरद चंद्र पवार समूह की ओर से जिले के इच्छुक उम्मीदवारों के साक्षात्कार आयोजित किए गए. इसमें बारामती से उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ पवार के भतीजे युगेंद्र पवार का नाम लगभग तय हो गया था. इससे पहले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बारामती के गोविंद बाग में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाने की मांग करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे बारामती के दादा (अजीत पवार) को बदलना चाहते हैं. लेकिन, चूंकि युगेंद्र पवार बुधवार को पुणे में आयोजित साक्षात्कार के लिए नहीं गए, तो वास्तव में पवार परिवार में क्या बदलाव हो रहा है? ये देखना अहम होगा.

बारामती में खेल शुरू
दिलचस्प बात यह है कि तीन-चार बैठकों में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने संकेत दिया था कि वह बारामती विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन, मंगलवार को हजारों कार्यकर्ताओं ने अजित पवार की कार के काफिले को रोक लिया और आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि उन्हें अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करनी चाहिए. इसके कुछ ही देर बाद अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने ऐलान किया है कि अजित पवार बारामती से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. हर किसी की नजर इस बात पर है कि क्या आने वाले चुनाव में वाकई चाचा-भतीजे के बीच मुकाबला होगा.

इस बीच सुप्रिया सुले और रोहित पवार से इस बारे में पूछा गया तो दोनों ने आसान जवाब दिया. उन्होंने कहा कि बारामती से एक प्रतिनिधिमंडल आया था. उन लोगों ने पार्टी पैनल समिति को तीन या चार नाम सुझाए थे. रोहित पवार ने कभी आगे-पीछे ये जवाब देकर वक्त काट काटते रहे कि बारामती के उम्मीदवार के इंटरव्यू का क्या होगा. लेकिन, मुद्दा यह है कि बारामती से युगेंद्र पवार के इंटरव्यू का क्या हुआ. दरअसल, परिवार के सदस्य होने के बावजूद रोहित पवार ने कार्यालय आकर साक्षात्कार दिया था. फिर युगेन्द्र क्यों नहीं आए. फिर संक्षेप में कहें तो कई लोग यह सोचने लगे कि पर्दे के पीछे से पवार परिवार में फिर से पार्टी विलय के लिए कुछ अलग-अलग हलचलें चल रही हैं.

Tags: Ajit Pawar, NCP chief


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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