Mp Lawyer Bhola Turned Murderer Chhatarpur Shooting Case Raises Questions Of Rape Allegation Conspiracy – Amar Ujala Hindi News Live – Mp:वकील जिसे बनना था गांव का सरपंच, बन गया हत्यारा; सवाल

“_id”:”6706688778c0e0d3b90a92cc”,”slug”:”mp-lawyer-bhola-turned-murderer-chhatarpur-shooting-case-raises-questions-of-rape-allegation-conspiracy-2024-10-09″,”type”:”photo-gallery”,”status”:”publish”,”title_hn”:”MP: वकील जिसे बनना था गांव का सरपंच, बन गया हत्यारा; सवाल- दुष्कर्म किया था या नहीं? छतरपुर गोलकांड की कहानी”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
सबसे पहले जानिए क्या है मामला?
यह पूरा मामला छतरपुर जिले के एक गांव का है। सोमवार सुबह करीब 11 बजे आरोपी भोला अहिरवार नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के घर में घुस गया, उसके हाथ में कट्टा था। आरोपी ने घर में घुसकर नाबालिग से के साथ मारपीट की और उस पर दुष्कर्म केस में राजीनामा करने का दबाव बनाया। पीड़िता के 65 साल के दादा ने उसे रोकने की कोशिश तो आरोपी भोला ने उन्हें गोली मार दी। इसके बाद आरोपी ने दुष्कर्म पीड़िता को भी गोली मारी और भागने की कोशिश की। धर से निकलते ही उसे पीड़िता का 23 साल का चाचा मिल गया, उसने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की तो भोला ने उसे भी गोली मार दी और फरार हो गया। परिजनों ने सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने दादा को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल चाचा को इलाज के लिए इंदौर रेफर किया गया, जबकि दुष्कर्म पीड़िता का जिला अस्पताल में शुरू किया गया।
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पुलिस के अनुसार 30 साल के भोला अहिरवार ने करीब दो महीने पहले गांव में रहने वाली नाबालिग से दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने उसके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इसके बाद से आरोपी भोला फरार बताया जा रहा था। आरोप है कि वह पीड़ित परिवार पर केस में राजीनामा करने का दबाव बना रहा था। लेकिन, पीड़ित परिवार ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था। इसी के चलते बीते सोमवार को आरोपी ने पीड़िता के घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया।
जानिए कौंन था आरोपी भोला अहिरवार?
छतरपुर जिले के मौराहा गांव में रहने वाला भोला अहिरवार पेशे से वकील था। वह छतरपुर न्यायालय में प्रैक्टिस भी करता था। वह गांव का सरपंच भी बनना चाहता था। साल 2022 में भोला ने सरपंची का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पम्मी अहिरवार से 182 वोटों से हार गया था।
सोमवार को हुए गोलीकांड के बाद पुलिस ने आरोपी भोला अहिरवार की तलाश के लिए एटीएस टीम का गठन किया गया था। उस पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था। मंगलवार मंगलवार सुबह करीब नौ बजे आरोपी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट की और एसपी छतरपुर को खुद की लोकेशन बताई। इसके अलावा उसने खुद को निर्दोश बताते हुए कई बातें लिखी। आरोपी की लोकेशन मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे पकड़ने की तैयारी शुरू की। बताया गया कि इस दौरान उसने पुलिस पर फयारिंग कर दी, पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। इस बीच उसने खुद की कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सागर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा का कहना है कि पुलिस से घिरे होने के कारण घबराहट में उसने ऐसा किया था।
भोला के आखिरी शब्द….
‘मैंने किसी का रेप नहीं किया, यह पूरा गांव जानता है। लेकिन, मुझे फिर भी साजिश के अनुसार फंसाया गया, सिर्फ पैसे के लिए और पैसे ले देकर मेरे खिलाफ पोस्को 376 जैसी धारा में केस दर्ज करवाया गया। हां, यह जरूर है कि जो कल हुआ वो मैंने ही किया है। एसपी साहब से मेरा कहना है कि मैं यहां सिद्ध बाबा पूछी वाले रोड के यहां हूं, यहीं मिल जाऊंगा आप आ जाएं। सिविल लाइन टीआई ने बाल्मीक चौबे ने पैसे लेकर मुकदमा कायम किया था, मुझे अपराधी बनाने के लिए। मैं जो गाड़ी लाया था, वह किसी की मांग कर लाया था, उसे इस बारे में कुछ नहीं पता था कि मैं क्या करने वाला हूं। और किसी को जबरदस्ती मुजरिम नहीं बनाना। मेरे खिलाफ जब मुकदमा कायम हुआ, उसमें प्रेमचंद डालू सरपंच और एवीएन दीपक पाली, इन दो दलालों ने उन्हें भटकाया और मुकदमा कायम करवाया। यह पोस्ट में एक मजदूर के मोबाइल से कर रहा हूं जो यहां काम कर रहा है’।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि भोला राजीनामा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी कई दिनों से दे रहा था। उसने गांव की एक लड़की जो उससे बात करती थी, उसके जरिए पीड़िता के पास राजीनामा करने की खबर भिजवाई थी। उस लड़की ने दुष्कर्म पीड़िता से कहा था-तुमने उसकी (भोला की) रिपोर्ट क्यों कर दी। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। इसके जवाब में पीड़िता ने कहा था- मैं तो करूंगी, मुझे कोई राजीनामा नहीं करना है।
भोला के भाई ने उठाया सवाल?
मृतक भोला अहिरवार के भाई ने फेसबुक पोस्ट लिखकर अपना दर्द साझा किया है। उसने लिखा- जितना अपराध करना गलत है, उतना ही अपराधी बनाना भी गलत है। अपराध करने की सजा तो भोला ने खुद को गोली मार के दे दी। लेकिन, क्या छतरपुर पुलिस अपराधी बनाने वाली पुलिस को सजा देगी या जाति के नाम पर पुलिस वालों को बचा कर भोला अहिरवार की फाइल को बंद कर दिया जाएगा। भोला अहिरवार भइया को फंसाया गया है।
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