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Turkey shook again by earthquake magnitude of 5.5 measured on Richter scale l भूकंप से फिर कांप गया तुर्की, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

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भूकंप से फिर कांप गया तुर्की

अंकारा: तुर्की में तबाही मचाने के बाद भी भूकंप आना बंद नहीं हुए हैं। वहां लगभग हर रोज भूकंप आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है। तुर्की में शनिवार को एक बार फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। बता दें कि मध्य तुर्किये क्षेत्र में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया है। जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र भूकंप 10 किमी (6.21 मील) की गहराई पर था। 

सोमवार 20 फरवरी को भी आया था भूकंप 

वहीं इससे पहले 20 फरवरी सोमवार शाम को दो भूकंप के बड़े झटके महसूस किए गए। भूकंप तुर्की के सबसे दक्षिणी हायते प्रांत में आया था। बता दें कि इस क्षेत्र में इससे दो हफ्ते पहले भी भूकंप के कई झटके आए थे जिसने तबाही मचाई थी।आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) का हवाला देते हुए तुर्की की अनादोलु एजेंसी के अनुसार, हायते में स्थानीय समयानुसार (1704 जीएमटी) रात करीब 20.04 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.4 थी। इसके बाद फिर से, 5.8 की तीव्रता वाला दूसरा भूकंप तीन मिनट बाद  आया, जिसका अधिकेंद्र हायते के समंदाग प्रांत में था।

पहला भूकंप 16.7 किलोमीटर (10.4 मील) की गहराई में आया था, जबकि दूसरा 7 किमी (4.3 मील) की गहराई पर था। दोनों को आसपास के इलाकों में महसूस किया गया। अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दो हफ्ते पहले के भूकंप, हालांकि हायते से 100 किलोमीटर या उससे अधिक दूर कहमनमारस में केंद्रित थे, लेकिन हायते में व्यापक क्षति हुई।

तुर्की में अबतक 44,000 लोगों की मौत

एएफएडी ने समुद्र के स्तर में वृद्धि, जो 50 सेंटीमीटर (1.6 फीट) तक पहुंच सकता है, के जोखिम के खिलाफ एहतियात के तौर पर तटीय क्षेत्रों से बचने के लिए नागरिकों से आग्रह करते हुए चेतावनी जारी की। तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने क्षेत्र के नागरिकों से क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहने का आह्वान किया क्योंकि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों की जांच कर रहे हैं। एजेंसी ने बताया कि तुर्की अभी भी कम से कम 44,000 लोगों को खोने और देश में एक और भूकंप आने के दर्द से बाहर नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि भूकंप से बचने वाले लाखों लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, साथ ही बहुत से लोग ठंड के तापमान में बेघर हो गए हैं। लगभग दो सप्ताह बाद बड़े पैमाने पर आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।

 

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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