मध्यप्रदेश

The High Court told the Chief Secretary and DGP | हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव और डीजीपी से कहा: कैबिनेट से कोआर्डिनेशन नहीं तो छोड़ दें नौकरी,डीएसपी की पदोन्नति पर सुनवाई;16 अक्टूबर को मांगा जवाब – Jabalpur News


भोपाल में 1995-96 में जब लगातार लग्जरी कार चोरी हो रही थी, और फिर पुलिस ने गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि चोर गैंग एमपी का नहीं बल्कि यूपी का है, जो कि लंबे समय से भोपाल और आसपास के जिलों में सक्रिय है, और लग्जरी कारों की चोरी कर

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इस दौरान यूपी पुलिस ने टीम को लीड कर रहे है तत्कालीन टीआई विजय पुंज सहित चार लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से अभी तक विजय पुंज के खिलाफ जांच चल रही है, यही वजह है कि उनका प्रमोशन रुका हुआ है, जिसके खिलाफ उन्होंने सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि 1996 से 2024 लगभग 28 साल हो गए है, पर सरकार ने प्रमोशन पर विचार नहीं किया और केस अभी पेंडिंग में रखा हुआ है, जबकि कुछ दिनों बाद रिटायरमेंट होना है। मामले पर 14 मार्च 2024 को सुनवाई हुई, तब हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 60 दिनों में सील बंद लिफाफा खोला जाए, इसके बाद भी जब गृह और सामान्य प्रशासन विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया तो 1 अक्टूबर को फिर से सुनवाई हुई।

पुलिस अधिकारी विजय पुंज ने गृह विभाग के द्वारा प्रमोशन पर रोक लगाए जाने के चलते हाईकोर्ट में 2023 में याचिका दायर की। मामले पर 4 अक्टूबर को जस्टिस डीडी बंसल की कोर्ट में सुनवाई हुई। शासन की तरफ से पैरवी कर रहे वकील मानस मनी वर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि विजय कुंज के खिलाफ जो मामला चल रहा था उसकी जांच हो गई है। जांच रिपोर्ट एक सील बंद लिफाफे में है और यह लिफाफा विभागीय जांच कर रहे अधिकारियों के सामने खोला जाना है लेकिन इसमें राज्य सरकार की कैबिनेट की मंजूरी चाहिए इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अप्रैल महीने में ही आदेश जारी कर दिए थे कि सील बंद लिफाफा खोलकर विजय पुंज का प्रमोशन किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जब गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग ने पालन नहीं किया तो शुक्रवार को हुई सुनवाई में जस्टिस डी.डी बंसल ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डीजीपी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते है को नौकरी छोड़ दो।

याचिकाकर्ता के वकील मोहन चंसौरिया ने बताया कि एक पुलिस ऑफिसर जो कि अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि मानते हुए जान जोखिम में डालकर चोरों को पकड़ने जाते है, वहां पर पड़ोसी राज्य की पुलिस मदद करने की वजह उल्टा उनके खिलाफ ही केस दर्ज करती है, इसके बाद जब जैसे-तैसे पुलिस ऑफिसर एमपी आते तो विभाग उनके खिलाफ ही कार्रवाई करता है। अधिवक्ता मोहन चंसौरिया ने कोर्ट को बताया कि जल्द ही उनका रिटायरमेंट होना है, ऐसे में अगर पदोन्नति नहीं मिलती है तो उनके साथ यह ठीक नहीं होगा। हाईकोर्ट ने इस मामले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई नियत की है। बता दे कि विजय पुंज इसी माह की 31 तारीख को रिटायर हो रहे हैं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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