अजब गजब

वो 10 मिनट… मां के साथ हुआ हादसा तो बेटे को मिला आइडिया, 19 साल की उम्र में खड़ी कर दी 10 करोड़ की कंपनी

सागर: एक 13 साल का बच्चा अपने पिता के साथ मां को अस्पताल लेकर पहुंचा. डॉक्टर ने कहा कि अगर 10 मिनट और लेट हो जाते तो हम आपकी मां को शायद बचा नहीं पाते. ये बात उस बच्चे को छू गई. बच्चे को लगा कि उसकी मां को 10 लकी मिनट मिल गए. लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग होंगे, जिनको 10 मिनट नहीं मिल पाते हैं. इसके बाद से ही उस बच्चे के जीवन में ऐसा मोड़ आया कि बड़े होकर उसने इतिहास रच दिया.

उस घटना के ठीक 6 साल बाद 19 साल की उम्र में तनिष्क ने लाइफ इंटीग्रेटेड मेडिकल ड्रोन तैयार किया, जो 100 किलोमीटर दूर तक जाकर प्राथमिक उपचार जैसे ब्लड प्रेशर, ईसीजी, वेंटिलेटर, चेकअप कर सकता है. इसके लिए जरूरी सेंसर ऐड किए गए हैं, जो डॉक्टर से कनेक्ट रहेंगे. खासकर कहीं पर कोई लैंड स्लाइड, बाढ़ या इमरजेंसी हो तो मरीज को आसानी से इलाज मिल सकेगा. अब तनिष्क 10 करोड़ की Kaizel Tech कंपनी का फाउंडर है.

अभी यहां कर रहे पढ़ाई
19 साल के तनिष्क उपमन्यु बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. इस समय पंजाब के जालंधर में स्थित एलपीयू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं. तनिष्क Btech CSE फर्स्ट ईयर के छात्र हैं. इनके पिता धर्मेंद्र कुमार सेना में आर्मी अफसर हैं. जब तनिष्क के पिता सिक्किम गंगटोक में पदस्थ थे, तब वहां पर तनिष्क की मां सुनीता पाठक सेकंड फ्लोर से गिर गई थी. उस समय जो वाकया हुआ, वह तनिष्क लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. तनिष्क ने इस प्रोजेक्ट पर करीब 2 साल तक रिसर्च किया और 13 लोगों की एक टीम के साथ इस पर काम किया. तब जाकर यह प्रोजेक्ट तैयार हुआ.

नासा तक पहुंच चुके तनिष्क
साल 2023 में तनिष्क ने अपनी कंपनी को रजिस्टर्ड कराया. इसके लिए करीब डेढ़ करोड़ की फंडिंग भी हुई है. वहीं वह 150 से ज्यादा नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं, जिनमें करीब 25 लाख की प्राइस मनी शामिल है. इस प्राइस मनी से ही वह अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाते गए. बुंदेलखंड के सागर में स्टार्टअप करने वाले युवाओं को मंच देने के लिए हेथाकान 2024 का आयोजन किया गया था, जिसमें तनिष्क प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन देने आए थे. तनिष्क ने बताया कि इसके पहले भी उन्होंने कई तरह के ड्रोन पर काम किया है. तीन बार नासा में इंडिया को रिप्रेजेंट भी कर चुके हैं.

8 लाख होगी ड्रोन की कीमत
तनिष्क ने बताया कि इस आइडिया पर काम करना काफी पहले शुरू कर दिया था. कम से कम 2 साल हो गए हैं. कंपनी 2023 में रजिस्टर्ड कराई है. हमारे पास डीआईपीपीटी एमएसएमई सर्टिफिकेट है और वर्तमान में 13 लोग इसके अंदर काम कर रहे हैं. इसमें एचडी स्कॉलर्स प्रोफेसर हैं, काफी हाई लेवल आर्मी ऑफिसर भी हमारे साथ हैं. अभी इस प्रॉजेक्ट में क़रीब डेढ़ लाख का खर्च आया है, जो फाइनल वाला मेडिकल ड्रोन है, वह क़रीब 8 लाख में तैयार होगा.

Tags: Indian startups, Local18, Sagar news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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