Chhatarpur: Blast In Harpalpur Nagar Firecracker Factory Police Wrote Godown In Fir License Canceled In 2011 – Amar Ujala Hindi News Live

पुलिस ने पलट की मामले की पूरी कहानी।
– फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर नगर में स्थित पटाखा फैक्टरी में बीते बुधवार को विस्फोट हुआ। यह फैक्टरी रहवासी इलाके में मौजूद है, विस्फोट के समय वहां कई मजदूर काम कर रहे थे। शॉर्ट सर्किट के कारण हुए विस्फोट से फैक्टरी और इलाके में हड़कंप मच गया था। बीते दिन टीकमगढ़ जिले के एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रदीप यादव ने फैक्टरी का निरीक्षण किया और जांच के लिए बीडीएस टीम की अनुशंसा की है।
एफएसएल अधिकारी डॉ प्रदीप यादव ने बताया कि जिस अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट हुआ था वह शहर के बीचों-बीच बस्ती में है। उसका लाइसेंस 2011 में निरस्त कर दिया गया था, इसके बाद भी इसमें पटाखे बनाए जा रहे थे। निरीक्षण के दौरान विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। यह विस्फोट से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए छतरपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में बताया गया कि यह मामला बीडीएस टीम से जुड़ा हुआ है। बीडीएस टीम जांच करके पता कर पाएगी कि कौन सा विस्फोट था और पटाखों को भरने में कौन सा बारूद इस्तेमाल किया जाता था।
पुलिस ने पलट दी कहानी..
इधर, हरपालपुर पुलिस ने इस पूरी घटना को एफआईआर में पलट दिया है। जिस जगह बिस्फोट हुआ है वहां काम करने वाले कर्मचारी उसे पटाखा फैक्ट्री बता रहे हैं, जबकि पुलिस ने एफआईआर में इसे पटाखा गोदाम बताया है। पुलिस ने मामले में फैक्टरी मालिक सियाशरन और पुरुषोत्तम के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम की मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है। ऐसे में यह पूरा मामला उलझ गया है। लोगों का कहना है कि आखिरकार पुलिस ने ऐसा गेम क्यों खेला, इसके पीछे क्या कारण हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। मामले को लेकर एसडीएम का कहना है कि अभी जांच चल रही है। जांच में जो भी सामने आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
हरदा कांड के बाद निरीक्षण, पर कार्रवाई नहीं
बता दें कि प्रदेश के हरदा जिले में 6 फरवरी 2024 को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हर जिले के कलेक्टर और एसपी को पटाखा फैक्ट्री की जांच करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान नौगांव तहसीलदार संदीप तिवारी ने इस फैक्टरी का निरीक्षण किया गया था, लेकिन उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। संदीप तिवारी वर्तमान में भी तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।
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