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पिता के साथ जोड़ा करते थे पंचर, बेटे ने एक दिन कबाड़ से किया ये धासू काम, आज खुद की है कंपनी

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कुछ चंद रुपए से शुरू किया हनिश का काम अब लाखों में पहुंच गया है. वे अब थोक के भाव में साइकिल बेचते हैं. इससे वे सालाना 10 लाख रुपए से भी अधिक की कमाई कर रहे हैं.

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साइकल बेचकर सालाना लाखों कमा रहा हनिश

हाइलाइट्स

  • हनिश खान ने टीन शेड में साइकिल रिपेयर का काम शुरू किया.
  • कबाड़ से साइकिल बनाकर हनिश ने सफलता पाई.
  • हनिश अब सालाना 10 लाख रुपए से अधिक कमाते हैं.

सीकर. कहते हैं अगर इंसान में कुछ पाने की चाह हो तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता, इसी कहावत को सच करने वाली एक कहानी हम आपको बताएंगे. सीकर जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर दांता गांव में रहने वाले हनिश खान एक साइकिल कंपनी के मालिक हैं. वे खुद अलग-अलग पार्ट्स को मिलकर नई साइकिल बनाते हैं. इसकी बनाई साइकिलों की डिमांड सीकर ही नहीं बल्कि आसपास की जिलों में भी है.

लेकिन, हनिश के लिए यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. हनिश खान का जन्म एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था. पैसे की कमी और घर के खराब हालत के कारण बचपन में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. इसके बाद 1980 में अपने पिता के साथ साइकिल रिपेयर का काम शुरू किया था. पिता और बेटे दोनों ने मिलकर एक टीन शेड के नीचे साइकिल रिपेयर की दुकान खोली. उस समय साइकिल कहीं आने जाने के लिए अधिकांश लोगों का साधन था.

कबाड़ से बनाई थी पहली साइकिल
करीब 5 साल तक पिता के साथ दुकान में काम करने के बाद हानिश ने सोचा कि अब काम को आगे बढ़ाना चाहिए, तो दुकान में रखी पुरानी खराब पड़ी साइकिलों के सही पार्ट्स से एक नई साइकिल बना दी, जो दिखने में बहुत सुंदर थी. जब हानिश ने अपनी बनाई साइकिल को बेचने के लिए बाहर रखा था मात्र एक घंटे में ही एक सेठ ने वह साइकिल खरीद ली और उसके उसने नई साइकिल से भी अधिक पैसे हानिश को दिए. इससे उसका हौसला और बढ़ गया और नए साइकिल के पार्ट्स लाकर खुद साइकिल बनाने लगा. एक टीन शेड के नीचे से काम शुरू करने वाले हनिश खान अपने परिवार के साथ मिलकर साइकिल बनाने का काम करते हैं. उनकी बनाई साइकिले सीकर, जयपुर सहित अनेक बड़े शहरों में सप्लाई की जाती हैं.

सालाना लाखों रुपए कमा रहे हनिश
इसके अलावा हनिश का भाई भी बाइक व साइकिल पार्ट्स से संबंधित काम करता है. हनिश के भाई की भी दांता कस्बे में साइकिल की सबसे बड़ी दुकान है. हनिश खान किसी दुकान फैक्ट्री में साइकिल का काम शुरू नहीं करके अपने घर पर ही साइकिल बनाने का काम करते हैं. हनिश के अनुसार अगर मार्केट में कोई साइकिल 4000 रुपए की मिल रही है तो उनके पास वह साइकिल 3000 रुपए में ही उपलब्ध हो जाती है साथ ही उसमें एक्स्ट्रा फीचर्स भी मिलते हैं.

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पिता के साथ जोड़ा करते थे पंचर, कबाड़ से किया ये कमाल…आज खुद की है कंपनी


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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