मध्यप्रदेश

Free the temples from government control; Tirupati Balaji Mandir; Vishwa Hindu Parishad Protest; Bhopal | ”सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाएं मंदिर”: विश्व हिन्दू परिषद ने संतों के साथ किया प्रदर्शन, तिरुपति प्रसाद में मिलावट करने वालों को फांसी की मांग – Bhopal News


तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली के तेल की मिलावट को लेकर शुरु हुआ विवाद का अब मप्र में भी असर पड़ रहा है। राजधानी भोपाल में राजभवन के करीब पीपल चौराहे पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने संतों के साथ प्रदर्शन किया। विहिप कार्यकर्ताओं और स

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प्रदर्शन में विहिप के प्रांत मंत्री राजेश जैन, अनिलानंद महाराज, साध्वी सीमानाथ योगी, महंत पुरुषोत्तमानंद, महंत कहैन्यादास, महंत लोकनाथ योगी, महंत राधामोहन दास, महंत महामंडलेश्वर राम भूषण दास, महंत देवगिरी, महंत वैष्णव सरकार, मनोज बांगा सकल जैन समाज अध्यक्ष, बलाई समाज के जिला अध्यक्ष कैलाश हिर्वे, विहिप प्रांत अध्यक्ष केएल शर्मा मौजूद थे।

तिरुपति मंदिर प्रसाद में मिलावट हिन्दू आस्था पर चोट विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री राजेश जैन ने कहा- हिन्दुओं की आस्थाओं, मान्यताओं पर प्रहार हो रहे हैं। तिरुपति के प्रसाद में मछली का तेल और बीफ ये बहुत बड़ा विषय है हिन्दुओं की आस्थाओं के साथ ये खिलवाड़ है। हर हिन्दू जो प्रसाद ग्रहण करता है उसमें इस तरह की मिलावट करके हमारा धर्म भ्रष्ट करने का जो प्रयास किया गया है। हम सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। कोई भी दोषी ना बचे। ऐसे दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए। नहीं तो समाज के सुपुर्द कर देना चाहिए। समाज उनका निर्णय कर सकता है।

सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों मंदिर राजेश जैन ने कहा- जितने भी मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं उन सबको सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। हिन्दू समाज अपने मंदिरों की रक्षा करने में सक्षम है। पहले मुगल आक्रांताओं ने मंदिरों को लूटा और अंग्रेजों ने उनका सरकारी करण किया। ये लूट 77 साल से चल रही है। वो लूट आगे नहीं चल पाएगी। ये हिन्दू समाज का संकल्प है। हम समाज को जगाएंगे। और सभी मंदिर जो सरकारी नियंत्रण में हैं वो नियंत्रण समाज के हाथ में लाएंगे।

धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को दी गई दान की राशि राजेश जैन ने कहा- कई बार तो हिंदुओं के धर्म पर आघात कर हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को इस पवित्र राशि से अनुदान देने की बातें भी सामने आई हैं। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का लगातार दुरुपयोग करती रहती हैं और उनका उपयोग हिंदू विरोधी कामों में करती रही है। हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है। लेकिन, दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए बनाई जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है।

अपने स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर सरकारें संविधान की धारा 12,25 व 26 का खुला उल्लंघन कर रही हैं। क्या देश की आजादी के 77 साल बाद भी हिंदुओं को अपने मंदिरों का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती? अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है लेकिन, हिंदू को यह संविधान सम्मत अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा?


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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