108 जोड़ों ने यज्ञ किया, गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, 36 जड़ी बूटियों की दी आहूति | 108 couples performed Yagya, Gayatri Mahamantra, Mahamrityunjaya Mantra, 36 herbs were sacrificed

बुरहानपुर37 मिनट पहले
शाहपुर नगर में गुरूवार को अखिल विश्व गायत्री द्वारा 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ और पावन प्रज्ञा पुराण कथा के दूसरे दिन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक योग प्राणायाम शिविर का आयोजन हुआ। इसके बाद सुबह 8 बजे से 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ किया गया। जिसमें 24 कुंड पर 108 जोड़ों ने गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र गांव की सुख, शांति और समृद्धि तथा विश्व कल्याण के लिए 36 जड़ी बूटियों की आहूूति दी।
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से आए पंडित जमनाप्रसाद साहू ने यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा- सारे विश्व का कल्याण यज्ञ से होता है। श्रीमद् भगवत गीता में कहा गया है कि यज्ञ से देवता पुष्ट होते हैं। जन्म जन्मांतरों के कुसंस्कार नष्ट होते हैं। यज्ञ रोगों से छुटकारा दिलाने में समर्थ है। इससे कष्ट भी सुख में बदल जाते हैं। यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है। पंडित जमनाप्रसाद साहू ने कहा यज्ञ करने से वातावरण की शुद्धिकरण होता है। साथ ही अनेक संस्कार यज्ञ के माध्यम से किया जाता है।
कन्या कौशल शिविर का भी हुआ आयोजन
दोपहर 1 बजे कन्या कौशल शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में शाहपुर नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की छात्राएं शामिल हुईं। हरिद्वार से आईं पौर्णिमा दीदी ने कहा कि नारी का असली श्रृंगार सादा जीवन उच्च विचार, करुणा, दया, सहिष्णुता, सहनशीलता है। बेटी यदि सद्गुणों को धारण कर ले तो वह मीरा, मदालसा, गार्गी अनुसया, शकुंतला बन सकती है।
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