VHP alleges that temple land is occupied, mosque committee says show the documents; administration starts investigation | जिस जमीन पर मस्जिद, वो रिकॉर्ड में मंदिर की: एक परिवार का प्लॉट भी घेरा; मस्जिद कमेटी का दावा- हमारे पास भी दस्तावेज – Jabalpur News

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यह आरोप 26 सितंबर को विश्व हिंदू परिषद के विभाग संयोजक सुमित सिंह ठाकुर का था। उन्होंने यह भी कहा था, ’10 दिन में प्रशासन एक्शन नहीं लेता है, तो नवरात्र के बाद जानकारी भी नहीं लगेगी, विवादित स्थल टूटा मिलेगा।’
मस्जिद मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में रांझी तहसील के मड़ई गांव में है। 26 सितंबर को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने इसे गिराने की मांग की थी। कार सेवा की भी कोशिश की थी। पुलिस – प्रशासन ने जांच का आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया था।
मंदिर की जमीन पर मस्जिद का मुद्दा संस्कारधानी से लेकर राजधानी तक कितना गर्माया है, इससे तो आप वाकिफ होंगे ही। दैनिक भास्कर ने इसकी तह तक जाकर ग्राउंड रिपोर्ट की है। सच्चाई जानने के लिए हमारे रिपोर्टर सुनील विश्वकर्मा ने राजस्व रिकॉर्ड खंगाले। खसरे में मस्जिद की जमीन, गायत्री बाल मंदिर और एक परिवार के नाम पर दर्ज है।
हालांकि, मस्जिद कमेटी का दावा है कि मस्जिद 50 साल पहले बनी थी। हमारे पास सारे दस्तावेज हैं। मामला हाईकोर्ट में है।
ग्राउंड रिपोर्ट को कवर करने के दौरान हम मस्जिद और इसकी जमीन से जुड़े लोगों तक भी पहुंचे। लोकल लोगों से भी बात की…
पहले जान लेते हैं विवाद की मुख्य जड़ क्या है…
गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट, कोरी परिवार की ओर से कोई शिकायत नहीं
विवाद इसी बात पर है कि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज खसरा नंबर 169 पर मस्जिद का निर्माण कैसे कर लिया गया। बड़ी बात यह भी है कि गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट या कोरी परिवार की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है। विश्व हिंदू परिषद ही 2021 से इस जमीन की लड़ाई लड़ रहा है।

खसरे में गलत तरीके से भी नाम चढ़ाया जा सकता है जब भास्कर रिपोर्टर मस्जिद पहुंचे तो जुहर की नमाज का वक्त था। अजान हो रही थी। यह नमाज दोपहर में पढ़ी जाती है। नमाज के बाद मस्जिद कमेटी के सचिव दिलशाद अली ने भास्कर से बातचीत में कहा, ‘मस्जिद तो 50 साल पहले की बनी हुई है। एक्सटेंशन का काम चल रहा था। वो भी इसलिए कि मस्जिद में भीड़ बढ़ने से आने – जाने वाले लोगों को परेशानी न हो। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते।’
दिलशाद का कहना है, ‘अगर जमीन गायत्री बाल मंदिर की है, तो यह तो इतना बड़ा ट्रस्ट है, इनका कोई व्यक्ति दस्तावेज लेकर सामने क्यों नहीं आता। जिसकी जमीन बताई जा रही है, वो हमसे आकर बात करें कि आपने कब्जा कर रखा है। वो कभी नहीं आते। क्या सारा ठेका विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने ले रखा है। अगर इनके पास कोई जमीन से जुड़ा दस्तावेज है तो कोर्ट में लेकर आएं, हमने कोर्ट में कागज दिए हुए हैं, कोर्ट ही फैसला सुनाएगा। किसी के कहने से जमीन उसका नहीं हो जाती है।’
खसरे में तो जमीन मंदिर की है? इस सवाल के जवाब में दिलशाद बोले, ‘खसरे में तो किसी का भी नाम चढ़ जाता है। गलत तरीके से भी चढ़ाया जा सकता है। विहिप के पास अगर इसके दस्तावेज हैं तो कोर्ट में दीजिए। जमीन के सीमांकन से सबकुछ साफ हो जाएगा।’

परिवार बोला- हमारी किसी भी संपत्ति पर कब्जा नहीं खसरा नंबर 170 जमीन का मालिक एक कोरी परिवार है। हमने उनका पता लगाया। उनका मकान मस्जिद के पास ही है। परिवार ने कैमरे के सामने न आने की शर्त पर सिर्फ इतना ही कहा कि हमारी किसी भी संपत्ति पर कब्जा नहीं किया गया है। वहीं, हमने गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट या इससे जुड़े लोगों को भी तलाशा, लेकिन ट्रस्ट का दफ्तर या कोई भी नुमाइंदा नहीं मिला।
50 साल पहले मस्जिद जहां थी, आज भी वहां मस्जिद से ही 200 मीटर दूर खेरमाई मंदिर है। मंदिर की पुजारिन ठकुराइन शिवराज बाई का कहना है, ‘हमें न तो कोई परेशानी है, न शिकवा-शिकायत है। मस्जिद जहां आज से 50 साल पहले थी, आज भी वहीं पर है, किसी को भी तकलीफ नहीं है।’

विहिप के सवाल
- विहिप का कहना है कि अगर गायत्री बाल मंदिर नाम की संस्था का कोई सदस्य सामने नहीं आ रहा है, तो क्या उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा?
- खुद प्रशासन गायत्री बाल मंदिर से जुड़े लोगों को क्यों नहीं तलाश कर रहा और उनके मिलने तक इस जमीन को खाली क्यों नहीं करवा रहा?
- तत्कालीन नायब तहसीलदार ने मस्जिद निर्माण में गड़बड़ियों की रिपोर्ट 2021-22 में ही दे दी थी। प्रशासन ने रोक के अलावा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

कानून के दायरे में विवाद का निराकरण किया जाएगा रांझी तहसील के एसडीएम रघुवीर सिंह मरावी का कहना है कि विवादित स्थल और मस्जिद के सीमांकन की कार्रवाई जल्द करवाई जाएगी। कानून के दायरे में ही विवाद का निराकरण किया जाएगा। सभी पक्षों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
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निर्माणाधीन मस्जिद को लेकर हंगामा, गायत्री मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप
26 सितंबर को जबलपुर में विवादित स्थल पर बनी मस्जिद को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ता बड़ी संख्या में व्हीकल फैक्ट्री के पास स्थित मड़ई क्षेत्र पहुंचे। मस्जिद के पास जाने की कोशिश की। मौके पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई थी। पूरी खबर पढ़िए…
प्रदर्शन की 5 तस्वीरें…

इमारत निर्माणाधीन मस्जिद है। आरोप है कि इसे गायत्री मंदिर की जमीन पर बनाया जा रहा है।

वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन के लिए विवादित स्थल पर जमा हुए थे।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।

प्रदर्शन के दौरान हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी।

हिंदू संगठनों ने पुलिस को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
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