Police embroiled in the death of a 12th class student | 12वीं की छात्रा की मौत में उलझी पुलिस: पिता बोले- नकाबपोशों ने जबरदस्ती कुछ खिलाया; पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट प्रॉब्लम से मौत – rajgarh (MP) News

बेटी ने मुझसे कहा- पापा घर पर दो नकाबपोश आए थे, उन्होंने मुझे जबरदस्ती कुछ खिला दिया, मैं मर जाऊंगी। इतना कहते-कहते सुनील जायसवाल का गला रूंध गया और उनका दर्द आंखों से फूट पड़ा।
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सुनील जायसवाल राजगढ़ जिले के पचोर के बालाजी नगर में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर जब बेटी अंजलि को अस्पताल लेकर गए, तब उसने मुझसे यह बात कही थी।
दरअसल, 24 सितंबर को 12वीं में पढ़ने वाली 17 साल की अंजलि स्कूल से घर लौटी, इसके बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। घटना के 4 दिन बीत जाने के बाद भी अंजलि की मौत की गुत्थी उलझी हुई है। पिता के आरोप के बाद से पुलिस क्षेत्र के सीसीटीवी खंगाल रही है। पिता ने स्कूल संचालक पर भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि संचालक ने घर आकर कहा- इस तिल्ली में तेल नहीं है, इस बात को यहीं खत्म करो। हालांकि संचालक ने इन आरोपों को गलत झूठा बताया है।
शुक्रवार देर शाम को शाजापुर से मिली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर नहीं बताया गया है। हार्ट संबंधी वजह से मौत होने की बात कही है। अब जहर की पुष्टि के लिए पीएम के दौरान प्रिजर्व किया अंजलि का बिसरा जांच के लिए भोपाल भेजा जाएगा।
पिता सुनील जायसवाल का कहना है कि बेटी को जहर खिलाया गया है।
स्कूल से छुट्टी के बाद बेटी से बात हुई थी
पिता ने बताया, बेटी 12वीं में थी। उसकी परीक्षा चल रही थी। सुबह रोज की तरह वह स्कूल चली गई थी। टीचर पत्नी और मैं ड्यूटी पर निकल गए थे। दोपहर में अंजली से बात करने के लिए स्कूल में कॉल किया था। प्रिंसिपल ने कहा था कि स्कूल छूटने वाला है, मैं उससे आपकी बात करवाता हूं। कुछ देर बाद प्रिंसिपल ने अंजली से बात करवाई।
मैंने बेटी से कहा- मम्मी आने में लेट हो जाएंगी। आप अच्छे से घर चले जाना और गेट पर ताला लगा लेना। पेपर देकर वह घर लौटी। वह घर के भीतर गई, लेकिन ताला नहीं लगाया। ताला लगाने वापस आई।

जहर खिलाने के 5 घंटे के अंदर मौत बाइक सवार तो भाग निकले, लेकिन कुछ देर बाद ही बेटी की तबीयत बिगड़ गई। किराएदार ने देखा और सूचना दी। हम उसे तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे। हालत गंभीर थी, इसलिए डॉक्टरों ने शाजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल लेकर जाते समय उसने कहा- पापा उन दो लोगों ने पता नहीं मुझे क्या खिला दिया। मैं मर जाऊंगी। जहर इतना तेज था कि 5 घंटे में ही उसने दम तोड़ दिया।
अंतिम सांस तक बेटी कहती रही, पापा दोनों आरोपियों को सजा जरूर दिलाना। उनका कहना है कि बेटी मंगलवार दोपहर 12.30 बजे स्कूल से लौटी थी, तब उसे जहर खिलाया गया। शाम 5 से 6 बजे के बीच शाजापुर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पिता से 27 सेकंड बात की, कॉल रिकॉर्डिंग बंद कर दी शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर स्कूल के प्रिंसिपल मनोहर वैरागी का कहना है 24 सितंबर को फिजिक्स का पेपर था। दोपहर 12:01 बजे अंजलि के पिता ने मोबाइल पर कॉल कर अंजलि से बात करवाने के लिए कहा। अंजलि ने प्रिंसिपल के रूम में जाकर 27 सेकंड बात की। अंजली ने मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग फंक्शन ने बंद कर दिया।
दिग्विजय सिंह पहुंचे अंजलि के घर गुरुवार को पिता सुनील जायसवाल से फोन पर बात करने के बाद शुक्रवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यमंत्री गौतम टेटवाल और सांसद रोडमल नागर के साथ अंजलि के घर पहुंचे। उधर, गुस्साए लोग जस्टिस फॉर अंजलि की तख्तियां हाथ में लिए थाने पहुंचे और नारेबाजी की। उन्होंने स्कूल संचालक दीपक गोयल द्वारा छात्रा के पिता से कही गई बातों पर कड़ी अपत्ति जताई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

छात्रा के पिता ने गुरुवार को फोन पर पूर्व सीएम से स्कूल संचालक द्वारा कही बातों को साझा करते हुए शिकायत की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से फोन पर हुई बातचीत
दिग्विजय सिंह : सुनील में दिग्विजय बोल रहा हूं,ये मेरा नंबर है।
सुनील- हां…जी, बाऊजी बोलिए। अभी अभी जस्ट आपका ही नंबर आया था ना।
दिग्विजय सिंह – हां ये मेरा नंबर है।
सुनील- ये नंबर सेव कर लेता हूं बाऊजी।
दिग्विजय सिंह- बिटिया कौन से स्कूल में पढ़ती थी।
सुनील- सर.. शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर, हाईवे पर है, टेंशन चौराहे से थोड़ा आगे 500 मीटर।
दिग्विजय सिंह- ये किसका स्कूल है।
सुनील – दीपक जी गोयल साहब का स्कूल है, जो कि संस्कार अकेडमी के डायरेक्टर हैं और ये शास्त्री स्कूल के भी डायरेक्टर हैं।
दिग्विजय सिंह- पचोर के हैं।
सुनील- हां सर, पचोर के हैं। सर एक विशेष बात मैं आपको बता दूं, क्योंकि आपको सूचित करना मेरा धर्म है। SDOP और TI साहब को तो मैंने लिखित में सूचित कर दिया है। शास्त्री स्कूल के डायरेक्टर दीपक गोयल जी अभी शाम साढ़े 5 बजे मेरे घर आए थे। मुझसे कहा- जायसवाल जी इस तिल्ली में तेल नहीं है, इस बात को खत्म करो।
मैंने SDOP साहब को भी फोन कर बता दिया, जिसकी काॅल रिकॉडिंग मेरे पास है। उन्होंने कहा- मैं हर जगह तो आ नहीं सकता हूं। जायसवालजी आप टीआई साहब को फोन लगा लीजिए। अभी मैंने टीआई साहब को फोन लगाया और इस बारे में बताया।
टीआई साहब ने मुझसे पूछा- आप किसके बारे में बोल रहे हैं, जायसवाल जी, मैंने कहा- सर दीपक जी गोयल शास्त्री स्कूल के डायरेक्टर, उन्होंने कहा- 2 मिनट में कॉल बैक करता हूं और उन्होंने फोन काट दिया।
दीपक गोयल से मुझसे आंखें निकाल कर यह बोला है कि इसको ज्यादा बढ़ावा नहीं देना है सुनील भैया, कुछ भी नहीं होने वाला है आपका, इस तिल्ली में तेल नहीं है।
दिग्विजय सिंह- ठीक है, मैं देखता हूं।

गोयल के खिलाफ पिता ने दिया शिकायती आवेदन
पुलिस के अनुसार घटना के बाद से ही बालाजी नगर सहित स्कूल आने-जाने के रास्ते समेत अन्य जगह लगे CCTV के फुटेज थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा ने खुद खंगाले हैं। जांच टीम ने क्लास टीचर, छात्राओं और परिजन समेत अन्य के अलग-अलग बयान दर्ज किए हैं। अब तक की जांच में सिर्फ एक बात निकल कर सामने आई की छात्रा पढ़ाई में कमजोर थी।
पुलिस के अनुसार गुरुवार को इसी मामले से जुड़ी एक शिकायत और थाने में आई है। छात्रा के पिता ने संस्कार एकेडमी पचोर, शास्त्री मा. स्कूल पचोर के डायरेक्टर दीपक गोयल के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया है। उनके अनुसार गोयल दो लोगों के साथ मृतक छात्रा के घर पहुंचे थे, जिन्होंने उन पर दबाव बनाया और कहा की इस “तिल्ली में तेल नहीं है, मामले को यहीं खत्म करो”। घटना की शिकायत SDOP और टीआई को आवेदन देकर की गई है।

अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने थाने का घेराव करते हुए धरना दिया था।
फुटेज में 12:10 बजे स्कूल से निकली दिखी अंजलि
अंजलि की मौत के मामले में पुलिस ने स्कूल से उसके घर तक करीब 16 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले हैं। हालांकि अब तक उसके हाथ कुछ पुख्ता सबूत नहीं लगा है। अब तक पीएम रिपोर्ट भी नहीं आई है। जांच में पता चला है कि 24 सितंबर को अंजलि का आखिरी पेपर था। 10 मिनट पहले वह अपना पेपर खत्म कर बाहर निकली थी। प्राचार्य ने प्रांगण में खड़ी अंजलि को बुलाकर पिता से उसकी बात कराई थी। उसके साथी और कैम्पस में अंजलि बिल्कुल समान्य दिख रही थी। स्कूल के फुटेज में अंजलि 12:10 बजे स्कूल से घर से निकली थी।
एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया की पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। शिकायत मिलने के बाद से पुलिस ने हर उस संदिग्ध से पूछताछ की जो घटना के समय में वहां से गुजरा था। साथ ही CCTV खंगाले जा रहे हैं. जल्द ही मामले का खुलासा करेंगे।

स्कूल संचालक बोले- मेरे ऊपर लगे आरोप गलत
24 सितंबर को शाम 7 बजे के करीब सुनील जायसवाल का फोन मेरे पास आया था। उसने मुझे बताया था कि मेरी बच्ची खत्म हो गई है। दो नकाबपोश आए थे और कुछ खिलाकर चले गए। मैं शाजापुर में हूं। मेरी बच्ची चली गई, यह कहते हुए रोने लगा। फोन कटने के बाद मैं, स्कूल के प्रिंसिपल और कुछ टीचर के साथ उसके घर पहुंचे। वहां मोहल्लेवाले इकट्ठे हो रहे थे। सब लोग वहां लगे कैमरे देख रहे थे।
सुनील के किराएदार कैलाश जाटव ने बताया कि वह सुबह 10:30 से 11 बजे के बीच घर के बाहर ताला लगाकर गया था। दोपहर 1:30 बजे जब वापस लौटा तो अंदर से ताला लगा था। मैंने आवाज दी तो अंदर से अंजलि बोली की मेरी तबीयत ज्यादा खराब है, आप मम्मी को फोन लगा दो।

24 तारीख को अंजलि का फिजिक्स का पेपर था, जो बिगड़ गया था, उसके 7 नंबर आए थे। उसी दिन अंजलि के पापा का फोन प्रिंसिपल के पास आया था। बोले- मैं अंजलि का पापा सुनील जायसवाल बोल रहा हूं, उसका पेपर हो गया क्या। स्कूल के प्रिंसिपल ने बोला- नहीं पेपर अभी छुटने वाला है। इस पर बोले- अंजलि आए तो प्लीज मेरी बात करा देना। 3 मिनट बाद ही अंजलि पेपर देकर बाहर आ गई।
प्रिंसिपल ने अंजलि को बुलाया और बोले- बेटा तेरे पापा का फोन आया था, फोन लगाकर बात कर ले। कुछ देर तक दोनों की बात हुई। अब उन्होंने क्या बात की, कुछ पता नहीं है। 5 मिनट अंजली स्कूल में रुकी, उसके बाद पैदल घर के लिए निकल गई। जाते हुए उसके सीसीटीवी वीडियो में फुटेज भी हैं।
यह है पूरा घटनाक्रम
बालाजी नगर में रहने वाली अंजलि जायसवाल (17) शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर में कक्षा 12वीं में पढ़ती थी। मंगलवार दोपहर 12.30 बजे स्कूल से पेपर देकर घर लौटी। दोपहर 1.30 बजे उसकी तबीयत बिगड़ी। किराएदार इलाज के लिए डाॅ. धर्मेंद्र भदौरिया के क्लीनिक लेकर पहुंचे। सूचना मिलने पर पिता भी पहुंचे। उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया। यहां डाॅ. विकास शर्मा ने प्राथमिक इलाज के बाद छात्रा को शाजापुर जिला अस्पताल रैफर कर दिया। शाजापुर में इलाज के दौरान अंजलि ने दम तोड़ दिया। पिता सुनील जायसवाल ब्यावरा में बाइक शोरूम पर काम करते हैं, जबकि मां एक निजी स्कूल में पढ़ाती है।

अंजलि को न्याय दिलाने रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।
थाने का घेराव कर लगाए आरोप
बुधवार दोपहर अंतिम संस्कार कर लौटे परिजनों ने थाने का घेराव करते हुए धरना दिया। छात्रा के मामा रोहित शिवहरे ने आरोप लगाया कि मंगलवार दोपहर दो नकाबपोश बाइक से उनकी भानजी को जहर खिलाकर भाग गए। उनका आरोप है कि उन्होंने टीआई को फोन लगाकर सूचना दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं कि गई।
थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा कहना है कि रात को 9 बजे के करीब फोन लगाकर बताया था कि बालाजी नगर कि रहने वाली अंजलि कि जहर से मौत हो गई है। लड़की शाजापुर जिला अस्पताल में भर्ती थी। इस पर वहां से आने पर जांचकर कर उचित कार्रवाई की की बात कही थी।
घटना बाद एसडीओपी अरविंद सिंह और टीआईअखिलेश वर्मा अंजलि के घर पहुंचे और परिजनों से बात की। पुलिस टीम ने आसपास के फुटेज देखे हैं। साथ ही डॉक्टर से भी मामले को लेकर बात की। पुलिस ने अंजली की दवाइयां, स्कूल बैग से कुछ समान जांच के लिए।

डाॅक्टर बोले- जब इलाज के लिए आई तब बीपी 80-40 था।
प्राथमिक इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र भदौरिया, शासकीय अस्पताल के प्रभारी डॉ. विकास शर्मा का कहना है कि परिजनों ने उन्हें बताया था कि छात्रा को जहर खिलाया गया है, लेकिन न तो उसे उल्टी हुई और न ही किसी तरह कि स्मैल थी। जब उसे इलाज के लिए लाया गया तब बीपी 80-40 और ऑक्सीजन लेवल 82 था।
वहीं, शाजापुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. मनोज पंचोली का कहना है कि अंजलि का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया था। विसरा जांच के लिए लैब भेजा गया है अभी रिपोर्ट नहीं आई है।
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