Students were told about the ways to protect themselves from cyber fraud. | विद्यार्थियों को साइबर फ्रॉड से बचाव के तरीके बताएं गए: साइबर सेल प्रभारी बोले- बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने तरीके भी बदले – Ashoknagar News

जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन के निर्देश पर लगातार लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत खासकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को चंदेरी के सरस्वती विद्यालय के विद्य
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विद्यार्थियों को साइबर सेल प्रभारी मसीह खांन ने बताया कि साइबर अपराध कई प्रकार के होते है। जिसमें हैकर्स, धोखेबाज पीड़ितों की प्रतिष्ठा, वित्त, व्यवसाय को प्रभावित करने वाले विभिन्न साधनों का उपयोग करते है। समय के साथ साइबर अपराधी साइबर क्राइम करने के तरीके बदल रहे है। आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी न दें। इसके अतिरिक्त डिजीटल अरेस्ट, सिम स्वाईप, फिशिंग एप्लीकेशन, लोन एप्लीकेशन के माध्यम से होने वाली ठगी से बचाव के बारे में समझाया गया।
एसआई अभिजीत सिंह ने बताया गया कि साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं। साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लिकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाते हैं। वो उनकी निजी फोटो, बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों और आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट और बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें। साथ ही अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें।
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