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अमृतपाल सिंह के पाकिस्‍तानी ड्रग्‍स और हथियार माफिया से संबंध, इंटेलीजेंस एजेंसियों ने तैयार की रिपोर्ट

नई दिल्‍ली. पंजाब पुलिस (Punjab police)  और केंद्रीय इंटेलीजेंस एजेंसियों को खालिस्‍तान (Khalistan) समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की तलाश है. उस पर आरोप है कि उसके पाकिस्‍तानी ड्रग्‍स माफिया और अवैध हथियार लॉबी से संबंध हैं. उसने पाकिस्‍तान से हथियार मंगवाए और उन्‍हें जमा किए और अपने समर्थकों में बांटें. इस संबंध में इंटेलीजेंस एजेंसियों ने तमाम सूत्र और सबूतों को आपस में जोड़ने की कोशिश की है. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी बताते हैं कि अमृतपाल सिंह का खालिस्‍तानी अलगाववादी होने और जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने के सभी कारण सामने आ जाएंगे. दरअसल वह ड्रग्‍स और हथियार सप्‍लाई के अवैध कारोबार में वांटेड अपराधी है.

खुफिया अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल की अवैध गतिविधियों की एक लंबी सूची है. उसने पंजाब को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने के प्रयासों के लिए पाकिस्‍तान से हथियार तक मंगवाए. सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल पर कई आरोप हैं और उसके समर्थकों ने जब हथियार लहराए और कानून व्‍यवस्‍था को ही चुनौती दी, तब इस साजिश का पूरी तरह पर्दाफाश हुआ. वह अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्रों को चला रहा था और वहां तमाम साजिशें रची जा रही थीं. एनडीटीवी से अफसर ने कहा कि अमृतपाल सिंह के अनुयायी उसे “भिंडरावाले 2.0” कहते हैं और अमृतपाल खुद देश विरोधी बयानबाजी और गतिविधियों में शामिल रहा है. ऐसे में अमृतपाल सिंह के खिलाफ इसी महीने 18 मार्च को NSA लगाया जा चुका है. इसके बावजूद वह पुलिस के सामने सरेंडर करने की बजाए फरार हो गया है. उसके कुछ साथी अब पुलिस पूछताछ में कई तरह के खुलासे कर रहे हैं.

पाकिस्‍तान से मंगवाए हथियार और अपने लोगों में बांटे
रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल ने ​इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के जरिए पाकिस्तान से हथियार मंगवाए और उन्‍हें अपने लोगों में बांट दिया. उसने अमृतसर के करीब जल्‍लुपुर खेड़ा में हथियारों को जमा करके भी रखा था. उसके पास अवैध और बिना लाइसेंस के हथियारों को रखने और उन्‍हें अपने साथ लेकर चलने का भी आरोप है. उस पर आरोप है कि उसने हथियारों, बंदूकों का खुला प्रदर्शन किया और सरकारी आदेश की अवहेलना की. अमृतपाल सिंह पर आरोप है कि उसके पास महंगे वाहनों का काफिला है, जबकि न तो उसने और न ही उसके संगठन वारिस पंजाब दे ने अपने धन का कोई हिसाब दिया है. वह यह दिखाता है कि उसने कार्यक्रमों के जरिए धन जमा किया है, लेकिन हकीकत कुछ और है.

Tags: Amritpal Singh, Intelligence agency, Khalistan, Punjab Police


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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