देश/विदेश

विनाश नजदीक! रूस के बाद इस महाशक्ति के पीछे पड़ा अमेरिका, हमले को मिसाइल रेडी, आएगी प्रलय!

मनीला. अमेरिका ने चीन की मांग के बावजूद फिलीपींस में तैनात मध्यम दूरी के मिसाइल सिस्टम को तत्काल वापस लेने की कोई योजना नहीं बनाई है. वह भविष्य में किसी भी संभावित संघर्ष के हालात में इसके इस्तेमाल में आने वाली अड़चनों की जांच कर रहा है. अमेरिका का टाइफॉन सिस्टम चीनी टारगेट पर हमला करने में सक्षम क्रूज मिसाइलों से लैस है. इसको इस साल की शुरुआत में संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए लाया गया था. उसके बाद से यह मिसाइल सिस्टम वहीं बना हुआ है. दक्षिण-पूर्व एशिया में फिलिपींस द्वीपसमूह ताइवान का पड़ोसी है. यह एशिया में अमेरिकी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. चीनी हमले के हालात में ताइपे की सहायता के लिए यह अमेरिकी सेना के लिए एक अपरिहार्य मंच होगा.

चीन और रूस ने इंडो-पैसिफिक में इस मिसाइल सिस्टम की पहली तैनाती की निंदा की है. उन्होंने वाशिंगटन पर हथियारों की होड़ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह इस मिसाइल सिस्टम को बनाए रखने की योजना को लेकर बहुत चिंतित है. मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इससे क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है और भू-राजनीतिक टकराव बढ़ता है.

अमेरिकी मिसाइल सिस्टम की तैनाती की कुछ जानकारी को पहले रिपोर्ट नहीं किया गया था. पिछले कुछ समय से चीन और अमेरिका के रक्षा संधि सहयोगी फिलीपींस के बीच दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों पर टकराव देखा गया है. हाल के महीनों में रणनीतिक जलमार्ग में समुद्री और हवाई टकराव की एक सीरीज सामने आई है. फिलीपींस के अधिकारियों ने कहा कि फिलिपिनो और अमेरिकी सेनाएं मिसाइल सिस्टम के साथ प्रशिक्षण जारी रखे हुए हैं, जो लूजोन के उत्तरी द्वीप पर हैं.

पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट से हिजबुल्लाह बौखलाया, इजरायल पर दाग दिए 150 रॉकेट, लेबनान में 60 ठिकानों पर हमला

यह दक्षिण चीन सागर के सामने है और ताइवान जलडमरूमध्य के करीब है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मिसाइल सिस्टम को वापस करने की तत्काल योजनाओं के बारे में पता नहीं है, भले ही संयुक्त अभ्यास इस महीने खत्म हो रहा है. फिलीपींस की सेना के प्रवक्ता कर्नल लूई डेमा-अला ने बुधवार को कहा कि मिसाइल सिस्टम के लिए प्रशिक्षण जारी है. यह फिलीपींस के अधिकारियों और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी पैसिफिक (USARPAC) पर निर्भर है कि वे तय करें कि मिसाइल प्रणाली कब तक रहेगी.

Tags: America News, China, Supersonic Cruise Missile


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!