What is the Indore-Ujjain six-lane project for which the President will perform Bhoomi Pujan? | इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन, जिसके लिए कल राष्ट्रपति करेंगी भूमिपूजन: साढ़े 12-12 मीटर चौड़ी की रहेगी दोनों लेन, 35-40 मिनट में तय होगी दूरी – Indore News

इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन प्रोजेक्ट में रोड चौड़ीकरण से सिंहस्थ में राहत मिलेगी।
इंदौर-उज्जैन फोरलेन को सिक्सलेन में बदला जाना है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गुरुवार को इसके लिए भूमिपूजन करेंगी। इसके बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। 1600 करोड़ से ज्यादा में ठेका दिया गया है।
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मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और निर्माण एजेंसी के बीच अनुबंध हो चुका है। सिक्सलेन में अंडरपास और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे जिससे रास्ता और भी आसान हो जाएगा। इंदौर-उज्जैन के बीच आने-जाने का समय भी घटेगा। ढाई साल में काम पूरा करने का टारगेट है।
फोरलेन में अभी साढ़े आठ मीटर की दो चौड़ी सड़कें है। यानी मार्ग की चौड़ाई कुल 17 मीटर है। अब सिक्सलेन में प्रत्येक रोड का हिस्सा 12.5-12.5 मीटर चौड़ी होगी। सिक्सलेन बनने के बाद इंदौर-उज्जैन रोड कुल 25 मीटर चौड़ी हो जाएगी।जानिए क्या है पूरा प्रोजेक्ट और इससे क्या फायदा होगा..
सिक्सलेन प्रोजेक्ट में तीन फ्लायओवर भी प्रस्तावित
– इंदौर के अरबिंदो अस्पताल से उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक सड़क बनेगी।
– प्रोजेक्ट की लागत 1,692 करोड़ रुपए। निर्माण सीमा मार्च-2028 तय की है।
– 3 फ्लायओवर बनेंगे। इसके अलावा 6 अंडरपास भी बनाए जाएंगे।
सिक्सलेन सड़क के भूमिपूजन 19 सितंबर को राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। खासतौर पर महाकाल नगरी में होने वाले सिंहस्थ 2028 को देखते हुए फायदा मिलेगा।
ग्रामीण मार्गों के कनेक्ट के लिए 8 जंक्शन बनेंगे
– सिक्सलेन की लंबाई 46 किमी रहेगी। इसे तीन हिस्सों में बनाया जाएगा। पहला चरण 14 किमी का रहेगा। बाद में 16-16 किमी की सड़क बनेगी।
– सिक्सलेन पर 3 फ्लाईओवर सांवेर, शांति पैलेस तिराहा और इंजीनियरिंग कॉलेज के नजदीक बनाए जाएंगे।
– ग्रामीण सड़क को सिक्सलेन से जोड़ने वाले इंदौर-उज्जैन मार्ग पर आठ जंक्शन रहेंगे ताकि ग्रामीण वाहन सीधे सिक्सलेन पर न आए।
– मार्ग पर दोपहिया-कार और भारी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन रखी जाएगी।
फायदा : ट्रैफिक दबाव महसूस नहीं होगा
सिंहस्थ 2028 और 25 साल की जरूरत को देखते हुए इसे बनाया जा रहा है। फिलहाल इंदौर-उज्जैन रूट पर रोजाना 25 हजार से ज्यादा वाहनों का बोझ है। 55 किलोमीटर का सफर 35 से 40 मिनट में पूरा हो सकेगा। अभी 60 से 70 मिनट लगते हैं। रोड की डिजाइन इस तरह प्लान की है कि दुर्घटना की गूंजाइश न्यूनतम हो।
अनुमान है कि सिंहस्थ 2028 तक इस हाईवे पर ट्रैफिक लोड हर दिन 60 हजार से ज्यादा वाहनों का रहेगा। सिक्सलेन हाईवे होने से ट्रैफिक दबाव महसूस नहीं होगा। रोड से लगी इंदौर शहरी क्षेत्र की करीब 1 लाख आबादी को भी राहत मिलेगी। महाकाल दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इंदौर रूट से उज्जैन जाते है। उन्हें भी फायदा होगा।

प्रोजेक्ट के तहत इंदौर के अरबिंदो अस्पताल के सामने से उज्जैन के मुख्य प्रवेश द्वार तक की सड़क सिक्सलेन हो जाएगी। लागत 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा है। भूमि अधिग्रहण बजट इसमें शामिल है।
2 टोल हैं, सिक्सलेन बनने पर चार्ज बढ़ाने का फैसला अभी नहीं
अभी फोरलेन पर एक टोल प्लाजा सांवेर के पहले बारोली पर है तो दूसरा टोल प्लाजा उज्जैन के समीप निनोरा पर बना हुआ है। कार का 35 रुपए टोल वसूला जाता है। सिक्सलेन हाईवे का टोल मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ही वसूलेगा। निगम द्वारा सर्वे कराकर टोल तय किया जाएगा। टोल को और विस्तृत किया जाएगा। इमरजेंसी वाहनों द्वारा पेट्रोलिंग, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी होंगी।
15% बिलो रेट पर सिक्सलेन बनाने का ठेका
करीब 46 किमी लंबे फोरलेन को सिक्स लेन बनाने के लिए एमपीआरडीसी ने 735 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया था। रवि इंफ्राबिल्ड ने 623 करोड़ रुपए में इसे बनाने का काम हाथ में लिया है। सिक्स लेन के लिए इंदौर की तरफ से सीमांकन का काम शुरू कर दिया गया है। उदयपुर की कंपनी ने 15 प्रतिशत बिलो बिलो रेट पर सिक्सलेन बनाने का ठेका लिया है। सिविल वर्क पर 735 करोड़ 36 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। शेष राशि भूमि अधिग्रहण, सड़क सुरक्षा के उपाय और सभी जंक्शन के सुधार पर अगले चरण में खर्च की जाएगी।
प्रोजेक्ट पर चल रहा काम : MPRDC
उदयपुर स्थित निर्माण एजेंसी के साथ अनुबंध हो चुका है। प्रोजेक्ट को लेकर काम चल रहा है। भूमिपूजन होने के बाद तेजी से काम होगा।
– राकेश जैन, महाप्रबंधक, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम
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