G20 Summit by Center for Contemporary Studies in Indore | भारत की उपलब्धियां विषय पर परिसंवाद

हरेराम वाजपेयी. इंदौर39 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
हिंदी साहित्य समिति के समसामयिक अध्ययन केंद्र द्वारा जी 20 शिखर सम्मेलन भारत की उपलब्धियां विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत उमेश पारीख और सुरेश कुलकर्णी ने किया। स्वागत भाषण केंद्र के निदेशक अरविंद जवलेकर ने दिया।
इस मौके पर केंद्र की मंत्री प्रो. मीनाक्षी स्वामी ने बताया कि जी 20 शिखर सम्मेलन का अत्यंत सफल आयोजन करके भारत ने पूरे विश्व को अपनी सामर्थ्य से परिचित कराने के साथ ही विश्व का हृदय भी जीत लिया है। भारत वैश्विक साख बढ़ने के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों, आर्थिक, डिजिटल तकनीक आदि विभिन्न क्षेत्रों में भी उपलब्धियां अर्जित की हैं। इन्हीं उपलब्धियों की विस्तार से व्याख्या इस परिसंवाद में होंगी।
अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति के विशेषज्ञ प्रो. अश्विनी शर्मा ने बताया कि जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत की सफलता के चार प्रमुख स्तंभों में सर्वसम्मति से पारित हुआ, नई दिल्ली घोषणा-पत्र, अफ़्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता, इंडिया-यूरोप कॉरिडोर और नए भारत के सामर्थ्य का सफल प्रदर्शन माना जा सकता है। वैक्सीन डिप्लोमैसी, तुर्किए को भूकंप आपदा में मदद जैसी पहल, भारत की बदलती नई विदेश नीति का परिचायक है। इंडिया- यूरोप कॉरिडोर से चीन को सीधे कूटनीतिक चुनौती एक निर्णायक पहल की ओर इशारा करती है।
इस मौके पर अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने बताया कि इस सम्मेलन में भारत की पहल पर घोषित हुए भारत-मध्य पूर्व यूरोप के नए आर्थिक गलियारे के माध्यम से भारत का वैश्विक व्यापार बढ़ेगा। भारत चीन को आर्थिक टक्कर देने की स्थिति में होगा। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में दुनिया भारत की डिजिटल क्रांति देखकर चकित है। विदेशी निवेशकों में भारत के प्रति नया भरोसा पैदा हुआ है। इससे ही भारतीय शेयर बाजार में उछाल आया है।
इस मौके पर श्रोताओं ने विषय विशेषज्ञों से प्रश्न भी किए गए। साथ ही अनिल भोजे ने अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए। आभार हरेराम वाजपेयी ने माना। इस अवसर पर राजेश शर्मा, अरविंद जोशी, अरविंद ओझा, रामचंद्र अवस्थी, घनश्याम यादव, संतोष मोहंती, डॉ. पुष्पेंद्र दुबे, दीनदयाल एरन, जयंत टीकोटकर, नरेंद्र मित्तल, मुकेश तिवारी, सरला गलांडे आदि मौजूद थे।

जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए हरेराम वाजपेयी के साथ अतिथिगण।
Source link