अजब गजब

होटल मैनेजमेंट के बाद टॉयलेट साफ किया-बर्तन धोए, फिर बनाया धोनी का फेवरेट मटन

शिखा श्रेया/रांची: कई बार लोग कुछ बड़ा करना तो चाहते हैं, लेकिन समाज के तानों के डर से अपने सपने पूरे नहीं कर पाते. लेकिन, झारखंड की राजधानी रांची के पीटर ने इस सोच को बदलते हुए आज के युवाओं के लिए मिसाल कायम की है. एक समय था जब पीटर होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद सड़कों पर अपने होटल के बर्तन धोते थे. तब लोग उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज वही लोग उन्हें प्रेरणा मानते हैं.

कैसे शुरू हुआ सफर?
लोकल 18 से खास बातचीत में पीटर ने बताया, “मैंने IMS पुंदाग से होटल मैनेजमेंट किया और फिर एक नामी होटल में एक साल तक ट्रेनिंग की. इस दौरान मुझे झाड़ू-पोछा और टॉयलेट साफ करने का काम करना पड़ा. मुझे शर्म आती थी, क्योंकि घर से टाई-सूट पहनकर जाता था और होटल में ये काम करता था, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था. तभी मैंने ठान लिया कि मुझे कुछ अपना करना चाहिए.”

अकेले किया काम शुरू
इसके बाद पीटर को अच्छा मटन बनाकर उसे सस्ते दामों पर बेचने का आइडिया आया. पीटर बताते हैं, “शुरुआत में मैंने अकेले ही काम शुरू किया था. सिर्फ 1 किलो मटन लेकर आया और वो भी नहीं बिका, तो खुद ही खा लिया. बर्तन भी खुद ही धोता था. लोग मजाक उड़ाते थे कि ‘होटल मैनेजमेंट करके सड़क पर बर्तन धो रहा है.’ लेकिन मुझे परवाह नहीं थी, क्योंकि मुझे पता था कि किसी भी चीज को जमने में वक्त लगता है. रातों-रात कुछ नहीं होता.”

धीरे-धीरे पीटर ने अपनी क्वालिटी पर ध्यान देना शुरू किया. वह बताते हैं, “हमने साल के पत्तों के दोने में खाना परोसना शुरू किया, जो हाइजीन के मामले में सबसे बेहतर था. लोगों को यह तरीका बहुत पसंद आया और एक बार जो यहां से खाता, वह फिर जरूर आता.”

आज 70 कर्मचारी, तीन होटल
आज पीटर के पास तीन होटल हैं, जहां 70 कर्मचारी काम करते हैं. उनके होटल का नाम सरन होटल है और यह रांची के फेमस होटल में से एक है. खास बात यह है कि इस होटल में काम करने वाले सभी कर्मचारी या तो कॉलेज के छात्र हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. ये लोग 4-5 घंटे का पार्ट-टाइम काम करते हैं और फिर अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं, जिससे उनकी अच्छी कमाई भी हो जाती है और पॉकेट मनी भी निकल आती है.

पीटर कहते हैं, “हम अपने होटलों में कोई बाहरी मसाला इस्तेमाल नहीं करते. सभी मसाले बाजार से अच्छी क्वालिटी के लाकर, घर पर पीसते हैं. इसी वजह से हमारे खाने का स्वाद बाकी जगहों से अलग होता है. हम क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करते, यही कारण है कि हर दिन हमारे यहां 1500 लोग खाना खाने आते हैं.”

7 साल का सफर और 3 बड़े होटल
पीटर बताते हैं कि अभी मेरी उम्र करीब 28 साल है. सपने बड़े हैं. पहली ब्रांच उन्होंने 7 साल पहले दलादली चौक पर खोली थी. वह जगह पहले एक छोटी सी झोपड़ी थी, लेकिन अब 32 टेबल वाला बड़ा होटल बन चुका है. दूसरी ब्रांच 2023 में हरमू रोड पर और तीसरा कटहल मोड़ के रास्ते में खुली है. उनके होटल में ₹130 में दो पीस मटन चावल, सलाद और पापड़ के साथ मिलता है, और चावल अनलिमिटेड होता है. होटल का समय दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक है.

महेन्द्र सिंह धोनी भी हैं उनके मटन के फैन
पीटर के मटन की खासियत यह है कि महेंद्र सिंह धोनी तक इसके दीवाने हैं. पीटर ने Local-18 से बात करते हुए कहा, “धोनी के स्टाफ अक्सर हमारे यहां से मटन पैक कराकर ले जाते हैं.  धोनी सर को हमारा मटन काफी पसंद है.  होटल धोनी सर के फार्महाउस से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है, इसलिए कभी-कभी उनके स्टाफ हमारे यहां बैठकर खाना भी खाते हैं.” इसके अलावा कई और नामी गिरामी लोग भी हमारे यहां मटन का स्वाद चखने आते हैं.

Tags: Local18, Ranchi news, Success Story, Yoddha


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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