मध्यप्रदेश

450 crores will be spent for Vikram Udyogpuri | विक्रम उद्योगपुरी के लिए 450 करोड़ होंगे खर्च: रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव के बाद 1170 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण – Bhopal News


उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव के बाद अब यहां यूरोप के ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के इंडस्ट्रियलिस्ट ने उद्योग लगाने के लिए जमीन की डिमांड करना शुरू कर दिया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने उज्जैन जिले की विक्रम उद्योगपुरी को विस्तारित करने

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15 नवंबर तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने के लिए उज्जैन कलेक्टर ने 6 गांवों की जमीन चिन्हित कर ली है और उसके मुआवजे के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस भूमि अधिग्रहण में 450 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा।

उज्जैन-देवास मार्ग पर उज्जैन से लगभग 14 किमी और देवास से 18 किमी दूरी पर यह उद्योगपुरी नरवर गांव के पास है। इस इंडस्ट्रियल एरिया में पहले से 458 हेक्टेयर जमीन थी जो अब पूरी तरह से औद्योगिक संस्थाओं को दी जा चुकी है और ऐसे में सरकार को इसी के आस-पास के गांवों में इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट के लिए भूमि अधिग्रहण करना पड़ रहा है।

इन गांवों की इतनी जमीन होगी अधिग्रहित

गांव अधिग्रहित भूमि
नरवर 231.078
कड़छा 38.91
गांवड़ी 46.76
मुंजाखेड़ी 31.55
पिपलौदा द्वारकाधीश 22.62
चैनपुर हंसखेड़ी 90.57
माधौपुर 11.81
कुल 473.298
रकबा (हेक्टेयर में)

कॉन्क्लेव के बाद 200 एकड़ जमीन की डिमांड

यहां के महाप्रबंधक राजेश राठौड़ ने बताया कि यह उद्योगपुरी सात गांव में है। रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव के बाद यहां 200 एकड़ जमीन की डिमांड 31 उद्योगपतियों ने की है।

औद्योगिक निवेश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने यहां की 473 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू किया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 60 दिन की अवधि में इसका अधिग्रहण पूरा कर लिया जाएगा।

विक्रम उद्योगपुरी में अभी यह है स्थिति

कुल उपलब्ध जमीन 458 हेक्टेयर
इंडस्ट्रीज को आवंटित 77
इंडस्ट्री डिमांड 30
मेडिकल डिवाइस पार्क को दी जमीन 360 एकड़
भूखंडों की संख्या 102
भूखंडों का आकार आधा एकड़ से 24.5 एकड़
प्रस्तावित निवेश 5198.59
प्रस्तावित रोजगार 15060

वाॅल्वो आइसर को चाहिए 70 एकड़ जमीन

यहां उद्योग लगाने के लिए वाॅल्वो आइसर को सौ एकड़ जमीन चाहिए। अभी उपलब्धता के आधार पर 31 एकड़ जमीन वाॅल्वो आइसर को दी गई है। इसके बाद अभी 70 एकड़ जमीन और दी जाना है। यह काम भूमि अधिग्रहण के बाद हो पाएगा। इसी तरह ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के कुछ निवेशकों ने यहां निवेश की इच्छा जताई है।

इसे देखते हुए यहां जमीन का अधिग्रहण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहीत करने के दौरान भूमि स्वामी को जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर दोगुना दाम देकर उसका अधिग्रहण किया जाएगा।

विक्रम उद्योगपुरी में इन उद्योगों को भी मौका

डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी टाउनशिप में औद्योगिक, विनिर्माण, आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक होल्डिंग्स, शैक्षणिक संस्थान जैसे मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), ऑटोमोटिव और ऑटो घटक, आईटी और इंजीनियरिंग सेवा उद्योग शामिल होंगे।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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