9 page resume of fake doctor | 7 मौत के आरोपी डॉक्टर का 9 पेज का रिज्यूम: दमोह के फर्जी डॉक्टर ने इंदौर में भी नौकरी ढूंढी, किसी ने नहीं रखा – Indore News

आरोपी डॉक्टर अब पुलिस की गिरफ्त में है।
दमोह में 7 मौतों के जिम्मेदार फर्जी डॉक्टर डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम की कहानी के पन्ने एक-एक कर खुल रहे हैं। दैनिक भास्कर के हाथ लगे उसके रिज्यूम में उसने खुद के बारे में इतना बढ़ा-चढ़ाकर लिख दिया है मानो वह इंटरनेशनल डॉक्टर हो।
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रिज्यूम में उसने कई तरह की डिग्री के साथ फैलोशिप, शॉर्ट कोर्सेस और नौकरियों का जिक्र किया है। जबकि उसकी एमबीबीएस की डिग्री के अलावा सबकुछ फर्जी है। वह स्वीकार भी कर चुका है कि रुतबे के लिए ऐसा किया है।
9 पेज के रिज्यूम में उसने बताया है कि वह अब तक 50 हजार से ज्यादा सर्जरी और अलग-अलग तरह के प्रोसीजर कर चुका है। इसके बावजूद उसने इंदौर की एक कंसलटेंसी फर्म से कार्डियोलॉजी के लिए निकाली गई नौकरी के लिए आवेदन कर दिया था।
उसने लिखा कि वह सिर्फ 30 दिनों के नोटिस पीरियड पर बर्मिंघम (यूके) के अस्पताल से नौकरी छोड़कर मप्र के किसी भी छोटे से छोटे शहर में नौकरी को तैयार है। उसकी इन्हीं बातों में तालमेल नहीं दिखा तो किसी भी अस्पताल ने उसे नौकरी नहीं दी।
9 पेज के रिज्यूम में क्या लिखा है? पेज 1: 1975 में जन्म, स्थायी पता बर्मिंघम (यूके), शादीशुदा और एक बच्चे का पिता, स्किल्स और स्पेशलाइज्ड स्किल्स के बारे में लिखा है। बताया कि उसके पास 19 साल का अनुभव है।
पेज 2: भारत, यूके, जर्मनी, अमेरिका में नौकरी और पढ़ाई की जानकारी दी। इसी पेज पर एमसीआई, स्टेट एमसीआई और जर्मन मेडिकल काउंसिल में हुए रजिस्ट्रेशन के नंबर हैं।

पेज 3: 1990 से 1996 के बीच नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री। 1996-1999 के बीच कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एमडी (ये फर्जी डिग्री है)। 1999-2001 के बीच सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल लंदन से एमआरसीपी (फर्जी डिग्री)। 2010-2013 के बीच पांडिचेरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, पुडुचेरी से डीएम कार्डियोलॉजी (फर्जी डिग्री) होना बताया।
इसके अलावा अमेरिका और यूके से इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, तीन फैलोशिप, शॉर्ट कोर्स, मास्टर ऑफ हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री लेना बताया।

पेज 4 : जर्मनी के न्यूमबर्ग में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट एंड प्रोग्राम डायरेक्टर के पद पर काम। कोटा (राजस्थान) के फोर्टिस हॉस्पिटल में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के साथ हैदराबाद, अमेरिका, लंदन में कार्डियक डिपार्टमेंट में अलग-अलग पदों पर रहना बताया।

पेज 5-6: 2003 से 2018 तक अमेरिका और यूके अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज में खुद को प्रोफेसर भी बताया। कई शॉर्ट टर्म कोर्स किए, फैलोशिप ली और फैकल्टी रहा। 1991 से 2005 तक कई अवॉर्ड भी खुद के नाम बताए।

पेज 7 : सर्जरी की डिटेल लिखी है। इसमें कोरोनरी एंजियोग्राफी की 18470 बताई है। कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की संख्या 14236, लेजर एंजियोप्लास्टी की संख्या 2455 बताई है। इसके अलावा 15 हजार अलग-अलग तरह की एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, आईएबीपी, आईसीडी, बीएमवी जैसी प्रोसीजर करना बताया है।
पेज 8-9: खुद के रिसर्च, पब्लिकेशन और रिफरेंस दिए हैं।

फर्जी डॉक्टर की गूंज जर्मनी तक, वहां के जिस अस्पताल में काम करना बताया, उसने नकारा

जर्मनी के एक प्रमुख अस्पताल ने बताया कि हमने डॉ. केम के बारे में कभी सुना ही नहीं है। एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में क्लिनिकम नूर्नबर्ग अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने डॉ. एन जॉन कैम होने का झूठा दावा किया था।
उसे जाली दस्तावेजों का उपयोग करके एंजियोप्लास्टी जैसी जटिल हृदय प्रक्रियाएं करने के बाद गिरफ्तार किया था।
उसने जर्मनी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक क्लिनिकम नूर्नबर्ग से संबद्ध होने का भी दावा किया और सोशल मीडिया पर इसके बारे में झूठ बोला था। जबकि वह कभी भी हमारे अस्पताल में कार्यरत नहीं था। उसने अपना पूरा प्रोफाइल फर्जी बनाया है।
जिस जर्नल में अपने पब्लिकेशन प्रकाशित होना बताए, उसने बताया फेक डॉक्टर

डॉ. कैम ने खुद के पब्लिकेशन वर्ल्ड जर्नल ऑफ केस रिपोर्ट्स एंड क्लिनिक्स में प्रकाशित होना बताया। लेकिन इस पर जब डॉ. कैम के जर्नल सर्च किए तो वहां से जवाब आया ये फेक डॉक्टर है।
अब जानिए कंसल्टिंग एजेंसी के डायरेक्टर ने क्या कहा

पंकज सोनी, डायरेक्टर हायरिंग पॉइंट एजेंसी, इंदौर।
जॉब कंसल्टिंग एजेंसी हायरिंग पॉइंट के संचालक पंकज सोनी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि हमारे पास कई अस्पतालों की ओर से जॉब के लिए आवेदन मंगाए जाते हैं। तब हम अलग-अलग डॉक्टरों की प्रोफाइल सर्च करके उन्हें भेज देते हैं।
डॉ. कैम ने मुझे 2020 में आवेदन दिया था। तभी मुझे शक हुआ था कि जो डॉक्टर जर्मनी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक में काम करता है, वह मात्र 30 दिनों के नोटिस पीरियड पर नौकरी छोड़कर मप्र के छोटे अस्पताल में नौकरी करने के लिए कैसे तैयार हो सकता है।
इसलिए हमने उसके रिज्यूम को एक तरफ कर दिया था। अब चूंकि यह मामला सामने आया है तो हमें भी उसकी सच्चाई का पता चला।
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7 मरीजों की मौत का आरोपी बोला-हां, मेरी डिग्री फर्जी

दमोह के मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की मौत का आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र केम जॉन 5 दिन की रिमांड पर है। पुलिस पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि भारत की मेडिकल कम्युनिटी में अपना रुतबा बनाने के लिए उसने विदेशी नाम रखा। इसी नाम से सभी फर्जी दस्तावेज भी बनवा लिए। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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