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Marburg disease outbreak in Equatorial Guinea WHO confirms know Symptoms treatment and other details

न्यूयॉर्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भूमध्यवर्ती गिनी (Equatorial Guinea) में मारबर्ग बीमारी के पहले प्रकोप (Marburg Virus Outbreak) की पुष्टि की है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इबोला से संबंधित यह वायरस पश्चिमी अफ्रीका के छोटे से देश गिनी में हुए कम से कम 9 मौतों के लिए जिम्मेदार है. डब्ल्यूएचओ ने गिनी से लिए गए सैंपल्स की सेनेगल की एक प्रयोगशाला में हुई जांच के बाद मारबर्ग महामारी की पुष्टि की. अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मत्शिदिसो मोएती ने कहा, ‘मारबर्ग अत्यधिक संक्रामक है. बीमारी की पुष्टि करने में भूमध्यवर्ती गिनी के अधिकारियों की ओर से तेज और निर्णायक कार्रवाई के लिए धन्यवाद.

उन्होंने कहा कि मारबर्ग की जल्दी पहचान होने के चलते आपातकालीन प्रतिक्रिया जल्दी से पूरी तरह से शुरू हो सकती है, ताकि हम जीवन बचा सकें और वायरस को जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर फैलने से रोक सकें.’ मारबर्ग वायरस रोग एक अत्यधिक विषाक्त बीमारी है, जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है, जिसमें मृत्यु दर 88% तक होता है. मारबर्ग उसी वायरस फैमिली से आता है, जिसके कारण अफ्रीका में इबोला बीमारी फैलती है.

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मारबर्ग वायरस का संक्रमण कैसे फैलता है?
इबोला की तरह, मारबर्ग वायरस चमगादड़ में उत्पन्न हुआ है और संक्रमित लोगों के बॉडी फ्लूइड, दूषित बिस्तरों, चादरों के संपर्क में आने पर लोगों के बीच फैलता है.

मारबर्ग से संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं?
मारबर्ग वायरस के कारण होने वाली बीमारी अचानक शुरू होती है, तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता के साथ. कई रोगियों में सात दिनों के भीतर गंभीर रक्तस्रावी लक्षण विकसित होते हैं.

मारबर्ग के इलाज के लिए कोई टीका है?
मारबर्ग संक्रमण के इलाज के लिए कोई अधिकृत टीके या दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए रिहाइड्रेशन ट्रीटमेंट जीवित रहने की संभावना में सुधार कर सकता है.

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मारबर्ग वायरस की पहचान पहली बार कब हुई थी?
इस दुर्लभ वायरस की पहचान पहली बार 1967 में हुई थी, जब इसने मारबर्ग, जर्मनी और बेलग्रेड, सर्बिया में एक साथ प्रयोगशालाओं में बीमारी का प्रकोप पैदा किया था. अंगोला में 2004 के मारबर्ग का प्रकोप देखने को मिला था, जब इस वायरस से संक्रमित 252 लोगों में से 90% की मौत हो गई थी. पिछले साल घाना में मारबर्ग वायरस से 2 लोगों की मौत हुई थी.

Tags: Africa, Virus, WHO


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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