अजब गजब

मौलाना महमूद मदनी का बड़ा बयान-बुर्के से आजादी मिले ना मिले, लड़कियों को पढ़ने की आजादी मिले


मदनी का बड़ा बयान

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी शनिवार को इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम आप की अदालत में शिरकत कर रहे थे। मदनी ने आप की अदालत कार्यक्रम में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए लड़कियों की शिक्षा को लेकर बड़ी बात कही। मदनी  ने कहा कि मेरा मानना है कि बुर्के से आजादी मिले या ना मिले लेकिन लड़कियों को शिक्षा की आजादी जरूर मिलनी चाहिए। इसके साथ ही मदनी ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी।

लड़कियों को शिक्षा जरूर मिलनी चाहिए-बोले मदनी

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर कोई लड़की या महिला हिजाब नहीं पहनना नहीं चाहती हैं, अगर वो  नंगे सिर घूमेंगी तो वे सेफ नहीं हैं। मेरा मानना है कि लड़का और लड़की दोनों को साथ नहीं पढ़ना चाहिए लेकिन  हिजाब की वजह से अपने लिहाफ की वजह से लड़कियों की पढ़ाई ना बाधित हो। लड़कियों को तालीम जरूर मिलनी चाहिए चाहें तो उनके लिए अलग स्कूल कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, इंजीनियरिंग कॉलेज अलग बना दें। उन्हें शिक्षा से महरूम ना करें। मेरा मानना है कि लड़कियों और लड़कों को साथ नहीं पढ़ने भेजना चाहिए। दोनों के लिए अलग-अलग शिक्षा व्यवस्था हो और दोनों को समान शिक्षा का अधिकार मिले। 

वक्फ बोर्ड भारत के मुसलमान बनाएं

‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए मौलाना मदनी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड भारत के मुसलमान बनाएं। कानून कहता है कि वक्फ बोर्ड राज्य सरकारें बनाएंगी और सेंट्रल वक्फ काउंसिल केंद्र सरकार बनाएगी। हम कहते हैं कि SGPC की तरह बना दीजिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का गठन जैसे होता है, वैसे इसका होना चाहिए। अभी सरकार अपनी मर्जी के लोगों को वक्फ बोर्ड में बिठाती है, सेलेक्शन करके…नए बिल में वक्फ बोर्ड को बेहतर करने की जरूरत थी पर आप उसे बदतर बनाने पर तुले हुए हैं।’ 

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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