स्थापत्य कला की थीम पर आइकोनिक सिटी खजुराहो में 17 एकड़ में आकार लेगा ‘विरासत वन’
Arvind Jain, Accreditted Journalist

शैव, विष्णु और जैन मंदिरों की वास्तुशिल्प को समर्पित विरासत वन का डीपीआर तैयार, 12 करोड़ होंगे खर्च..!
छतरपुर. खजुराहो/ (अरविन्द जैन) आइकॉनिक सिटी खजुराहो की जल्द ही सूरत बदलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘संस्कृति वन‘ खजुराहो में स्थापत्य कला की थीम पर बनाया जाएगा. यानि खजुराहो के 17 एकड़ में शैव, विष्णु और जैन मंदिरों की वास्तुशिल्प को समर्पित विरासत वन आकार लेगा. विश्व पर्यटन स्थल के लिहाज से खजुराहो को स्मार्ट बनाया जाएगा। देश में खजुराहो आइकॉन बनकर उभरेगा।
खजुराहो के गंज-राजनगर मार्ग पर चंदेल कालीन मंदिर खजुराहो से ४ km की दूरी पर स्थित खर्रोही में विरासत वन की स्थापना का उद्देश्य बुंदेलखंड की कला संस्कृति संस्कार एवं औषधीय संरक्षण को प्रदर्शित करना है इस स्थल पर ऐसे पौधों को संरक्षित करना है जो ग्रह-नक्षत्र, संस्कृति-कला, संस्कृति-संस्कार, तीज-त्यौहार, व्यंजन-प्यार संस्कृतियों को जीवित रखे. चेतन (मनुष्य) और पौधे (जड़) एक दूसरे के पर्याय हैं अतः इस विरासत वन में उन पौधों को जो भोजन औषधि एवं जन्म से मृत्यु तक मनुष्य का साथ देते हैं को संरक्षित पल्लवित एवं पोषित कर इनके साथ जीवन ऊर्जा विकसित की जा सकेगी…

एनवायरमेंट प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन संगठन (एप्को) की मदद से वन विभाग ने डीपीआर तैयार की है. इस पर करीब 12 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. बजट के लिए प्रस्ताव प्रदूषण निवारण मंडल को भेजा गया है. जो वित्तीय वर्ष 2024 25 में पूर्ण रूप से विकसित हो जाएगा छतरपुर वन मंडल के डीएफओ बीपी दौतानियां अनुसार वर्तमान में लेआउट का कार्य अंतिम दौर में है इसके बाद विरासत से जुड़ी परंपराओं और आवश्यक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

किवदंती के अनुसार खजुराहो का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा क्योंकि नगर का एक प्रमुख द्वार स्वर्ण के बने हुए दो खजूर वृक्षों से सुसज्जित था चंद्रवरदाई के पृथ्वीराज रासो में भी खजुराहो का उल्लेख खजूरपुरा या खजिनापुरी के नाम से आता है क्योंकि इस क्षेत्र में खजूर के पेड़ बहुतायत में पाए जाते थे चंदेल वंश द्वारा 950- 1050 ईसवी के बीच निर्मित खजुराहो मंदिर भारतीय कला के सबसे महत्वपूर्ण नमूनों में से एक है चंदेल वंश के नाम की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चंद्रमा अर्थात चांद से हुई है चंदेला का अर्थ चांद या चंद्र वंश की संतान है…
खजूर के बगीचे के नाम पर पड़े खजुराहो अपने राजसी मंदिरों और विस्तृत मूर्तियों के लिए जाना जाता है. भविष्य में संस्कृति वन के लिए भी पहचाना जाएगा. 17 एकड़ में प्रस्तावित संस्कृति वन में खजुराहो मंदिर के साथ-साथ कंदरिया महादेव और देवी जगदंबिका सहित 25 उन मंदिरों की भी झलक दिखाई देगी, जो कई वर्ग किलोमीटर में बसे हैं.

संस्कृति वन के लिए साइट सिलेक्शन कर प्रारंभिक कार्य की शुरुआत हो चुकी है. इसमें बच्चों बुजुर्ग और नेचर लवर के लिए विशेष इंतजाम होंगे. 17 एकड़ में बनने वाले इस वन में आध्यात्मिक वन, नक्षत्र वन, राशि वन, विरासत वन, आरोग्य वन, लक्ष्मी वन तीर्थंकर वन और गोकुल वन भी आकार लेंगे. विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून को खजुराहो में संस्कृति वन के शिलान्यास की तैयारी है.

क्या होंगे मुख्य आकर्षण के केंद्र
* मेडिटेशन जोन * ओपन थिएटर * इंटरप्रिटेशन सेंटर * फूड कोर्ट * वर्टिकल गार्डन * बंबू प्लांटेशन
* बफर प्लांटेशन * भीमकुंड * पैगोडा * प्ले जोन * आकर्षक इंट्रेंस गेट



विरासत वन में जिले की संस्कृति देखने को मिलेगी इसी मंशा से इन्हें विकसित किया जा रहा है खजुराहो में औषधि से संबंधित पौधों के रोपण के साथ ही ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के वन से पौधे लाकर विकसित किए जाएंगे विरासत वन में स्थानीय क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार प्रतिमाएं, वृक्ष नक्षत्र वन, नवग्रह पंचवटी वन, तीर्थंकर बन, सप्त ऋषि वन, श्रीपर्णी वन, चरक आरोग्य राशि वन आदि शामिल है इसके अलावा इन वन के अंदर ओपन चिल्ड्रन एक्टिविटी, कुंड पार्क, गजिबो ओपन एयर थिएटर आदि भी बनाए जाएंगे यह वन पर्यटकों के लिए हर समय खुले रहेंगे..
विश्व पर्यावरण दिवस पर खजुराहो में विरासत संस्कृति वन के शिलान्यास की तैयारी
विरासत वन को विकसित किए जाने की योजना विशेष प्लान के तहत तैयार की गई है विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून को खजुराहो में संस्कृति वन के शिलान्यास की तैयारी की जा रही है है जिसको लेकर मौका स्थल पर लेआउट का काम शुरू हो गया है जो इस सप्ताह में पूर्ण हो जाएगा 2 वर्ष के अंदर विरासत वन को विकसित किया जाना है अभी २ करोड़ रुपये आ चुका है और अनुमानित इस पर करीब 12 करोड़ खर्च होने का अनुमान है, प्रयास है कि समय से कार्य पूर्ण हो ।
बीपी दौतानियां डीएफओ छतरपुर

खजुराहो संवारने का जल्द शुरु होगा काम, दो प्लान पर एक साथ होगा काम
मास्टर प्लान वर्ष 2031 के तहत खजुराहो और राजनगर नगर पंचायत व आसपास के 8 गांव अचनार, ललगुंवा, जटकरा, खर्रोही, लालखेड़ी,पहाडिय़ा, टिकुरी, बमीठा के विकास की योजना बनाई गई है। नए खजुराहो के लिए 1561 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसमें से 679 करोड़ रुपए से भूमि अधिग्रहण होगा, जिससे मास्टर प्लान 2031 की कार्ययोजना के मुताबिक सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही खजुराहो को आइकॉन सिटी बनाने के लिए केन्द्र सरकार की योजना को भी मास्टर प्लान के साथ मर्ज किया जा रहा है। ताकि दोनों योजनाओं के तहत खजुराहो क्षेत्र का सम्मलित विकास किया जा सके। यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल खजुराहो के 25 स्मारकों के प्रति देशी के साथ ही विदेशी पर्यटकों को आर्कषित करने और उन्हें सुविधा देने की योजना इस प्लान में बनाई गई है।ऑइकॉनिक सिटी का विजन प्लान ऑइकॉनिक सिटी खजुराहो में एस्सेल जैसा पार्क विकसित करने का प्लान है। डीपीआर में इसके लिए जगह बनाई जा रही है। इसके साथ ही कुटनी डैम में वोटिंग के साथ ही क्रूज चलाने की योजना है। योजना के तहत खजुराहो में दलता पहाड़ी पर गोल्फ कोर्स तैयार होगा। प्लान के तहत पूरे इलाके में सड़क निर्माण, चौड़ीकरण, मार्केट, योगा सेंटर, साइकिल ट्रैक समेत अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

देश में इन स्थानों को किया गया है आइकॉनिक सिटी में शामिल
ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, अजंता व एलौरा, हुमायूं का मकबरा, लाल किला, कुतुब मीनार, कोलवा, आमेर का किला, सारनाथ, धौलावीरा, खजुराहो, हंपी, महाबलिपुरम, काजीरंगा, कुमारकोम, महाबोधि मंदिर को देश में आइकॉनिक सिटी योजना में चिंहित कर काम किया जा रहा है।