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अशांत मणिपुर: 5 दिनों के लिए इंटरनेट सस्पेंड, पुलिस से झड़प में कई छात्र जख्मी, CRPF के 2000 और जवान भेजे गए

इंफाल. मणिपुर सरकार ने मंगलवार शाम एक संशोधित आदेश जारी करके कहा कि छात्रों के उग्र आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा केवल राज्य के पांच घाटी जिलों में निलंबित होगी. इससे पहले राज्य सरकार ने पूरे राज्य में पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने की एक अधिसूचना जारी की थी. अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी जिले इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे.

गृह विभाग के नए आदेश में कहा गया है, “मणिपुर के इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं का अस्थायी निलंबन/रोक 10-09-2024 को अपराह्न 3:00 बजे से पांच दिनों के लिए लागू होगा.”

इसमें कहा गया है, “…भड़काऊ सामग्री और अफवाहों के परिणामस्वरूप जनहानि होने और/या सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने तथा सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक रूप से प्रभावित होने का खतरा है, जो सोशल मीडिया/मोबाइल सेवाओं, एसएमएस सेवाओं और डोंगल सेवाओं के माध्यम से जनता तक प्रसारित की जा सकती है.”

पुलिस ने बताया कि मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प में 40 से अधिक छात्र घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि यह झड़प उस समय हुई जब छात्र डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर इंफाल में राजभवन की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि हजारों छात्रों और महिला प्रदर्शनकारियों ने यहां बीटी रोड पर राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें कांग्रेस भवन के पास रोक दिया.

सीआरपीएफ के 2,000 और जवान मणिपुर भेजे गए
केंद्र ने जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा ड्यूटी के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो नई बटालियन की तैनाती का निर्देश दिया है, जिनमें करीब 2,000 जवान होंगे. सूत्रों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि बटालियन संख्या-58 को वारंगल (तेलंगाना) से, जबकि बटालियन संख्या-112 को लातेहार (झारखंड) से भेजा जा रहा है.

उन्होंने बताया कि एक बटालियन को मणिपुर के कांगवई (चुराचांदपुर), जबकि दूसरी बटालियन को इंफाल के आसपास तैनात किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि यह कदम जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य हिस्सों में तैनाती के लिए मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियन को वापस बुलाए जाने के बाद उठाया गया है.

गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि इन दो नई बटालिन की सभी कंपनियां (लगभग 6-6) हिंसा प्रभावित राज्य के विभिन्न भागों में तैनात रहेंगी, जहां पिछले साल मई से जातीय संघर्ष जारी है, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सीआरपीएफ की एक बटालियन में करीब 1,000 जवान होते हैं. इस बल के पास मुख्य रूप से तीन तरह की जिम्मेदारी है, जिनमें पूर्वोत्तर में उग्रवाद से निपटना, नक्सल-रोधी अभियान चलाना और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियान शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष की हिंसा के बाद मणिपुर में पहले से ही बल की 16 बटालियन तैनात हैं. हिंसा भड़कने से पहले मणिपुर में बल की लगभग 10-11 बटालियन थीं. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया, “मणिपुर में सीआरपीएफ की प्रमुख भूमिका होगी. पिछले साल मई में मेइती और कुकी लोगों के बीच हिंसा भड़कने के बाद बल की नई बटालिन राज्य में भेजी गई थीं और अब बल को मजबूत किया जा रहा है ताकि निर्णय लेने की प्रक्रिया बेहतर हो सके.”

Tags: Manipur, Manipur Police, Manipur violence


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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