Chhatarpur Elderly Woman Committed Sati With Her Husband Died Few Minutes After Death – Amar Ujala Hindi News Live

अर्थी ले जाते हुए लोग
– फोटो : अमर उजाला
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आपको हिंदी फिल्म के एक गाने की लाइन याद होगी, जिसमें नायक अनिल कपूर और नायिका पूनम ढिल्लो गाते हैं कि साथ जीयेंगे, साथ मरेंगे हम तुम दोनों लैला मारने से नयूं डरना, कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है छतरपुर जिले के नौगांव थाना क्षेत्र के भदेसर गांव से, जहां पति-पत्नी दोनों की चिता साथ जलाई गई है।
दरअसल, यहां के रहने वाले 85 वर्षीय ततुरा राजपूत की मौत के कुछ ही मिनट बाद उनकी 80 वर्षीय पत्नी जमनी बाई ने अपने प्राण त्याग दिए। जानकारी के अनुसार, भदेसर गांव में रहने वाले 85 वर्ष के ततुरा राजपूत ने सोमवार दोपहर अपने जीवन की अंतिम सांस ली। जमनी बाई जो की पैर से दिव्यांग थी, लकड़ी के सहारे अपने पति के पास पहुंची और जगाने का प्रयास करने लगी। काफी देर जगाने के बाद जमनी बाई को इस बात का अहसास हो गया कि उसका पति अब इस दुनिया में नहीं रहा। जमनी बाई इससे पहले संभल पाती, वह जमीन पर गिर गई। परिवार के लोग जमनी बाई को उठाने पहुंचे, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
जमनी बाई हमेशा कहती थी पति के साथ ही होगी सती
परिवार के सदस्य जोधन सिंह राजपूत बताते हैं कि जमनी बाई जब जीवित थी, तब वह अपने बच्चों से कहा करती थी कि मुझे अपने पति के साथ सती होना है। अगर मेरे साथ भगवान ने मुझे नहीं बुलाया तो तुम लोग मुझे मेरे पति के साथ सती (जिंदा जला) कर देना। वहीं, गांव के लोगों के अलावा जितने लोगों ने भी इस घटना को सुना सब हैरान रह गए। गांव के लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं सैकड़ों वर्ष पूर्व हुआ करती थी। जब सती प्रथा का चलन था या महिलाएं अपने आप ही अपने पति के वियोग में प्राण त्याग दिया करती है, यह घटना अपने आप में अद्वितीय है।
दोनों को एक साथ जलाई गई चिता
बुजर्ग पति-पत्नी के एक साथ मृत होने के बाद परिजनों एवं ग्रामीणों ने उनकी शव यात्रा एक साथ निकाली बड़ी संख्या में गांव के लोगों के अलावा आसपास के लोग भी शव यात्रा में शामिल हुए। लोगों ने ऐसा पहली बार देखा था कि एक साथ पति-पत्नी के शव एक ही चिता पर जले हों, शव में जितने लोग भी शामिल हुए। उन सभी की आंखें यह दृश्य देख कर नम थी।
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