पहले मजदूर, फिर किसान, अब खुद की कंपनी, दो भाइयों को स्ट्रॉबेरी ने बनाया धनवान, पढ़ें रियल कहानी

पलामू: झारखंड का नेतरहाट, जिसकी पहचान खूबसूरत वादियों और प्रकृति से है. यह प्रदेश का प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस भी है. यहां के नाशपाती बागान दूर-दूर तक फेमस हैं. लेकिन, इन दिनों इसकी पहचान स्ट्रॉबेरी से भी बढ़ी है. यहां विकसित हुइ्र स्ट्रॉबेरी की नर्सरी ने देश कई राज्यों पर अपनी छाप छोड़ी है. नतीजतन, नेतरहाट स्ट्रॉबेरी नर्सरी के पौधे कई राज्यों में सप्लाई हो रहे हैं. पिछले साल 6 लाख पौधे यहां से कई राज्यों में भेजे गए थे.
दरअसल, आंध्र प्रदेश के दो भाई श्रीनिवास राजू और राम राजू नेतरहाट माइंस में काम करने के इरादे से आए थे. धोखा खाने के बाद उन्होंने 1.5 एकड़ जमीन लीज पर लेकर उसमें सब्जी की खेती शुरू की. अब नेतरहाट बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर स्ट्रॉबेरी और अन्य फसल की नर्सरी तैयार कर रहे हैं. पिछले वर्ष लगभग 6 लाख पौधे देश के अलग-अलग राज्यों में इनकी नर्सरी से ही भेजे गए थे.
पहले सब्जी, अब स्ट्रॉबेरी
श्रीनिवास राजू ने Local 18 को बताया कि वो दोनों भाई आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले अंतरवेदी पालम के निवासी हैं. 10 साल पहले अपने भाई राम राजू के साथ नेतरहाट के आसपास स्थित बॉक्साइट खदान में रेजिंग के कार्य के लिए आए थे. रेजिंग के कार्य करने के बाद उन्हें ठेकेदार द्वारा पैसे देर से मिलते थे. मुनाफा न मिलने से उन्होंने नेतरहाट के किसान से मिलकर खेती शुरू की. शुरुआत में डेढ़ एकड़ जमीन में सब्जी की खेती की. धीरे-धीरे स्ट्रॉबेरी के बारे में जानकारी हुई और अपनी खुद की कंपनी शुरू की. आज 5 एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी की नर्सरी तैयार करते हैं.
मेघालय तक सप्लाई
आगे बताया कि पांच साल पहले स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. इसके लिए हरियाणा और पुणे से स्ट्रॉबेरी के पौधे लाए. इसकी गुणवत्ता के आधार पर नर्सरी तैयार की. शुरुआत में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी के पौधे भेजते थे. इसके बाद सोशल मीडिया से जुड़े और खेती का प्रचार यूट्यूब पर किया. परिणाम हुआ कि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मेघालय व अन्य राज्यों में अब पौधे जाते हैं. पिछले वर्ष लगभग 6 लाख पौधे की बिक्री की थी.
अबकी बार 20 लाख पौधे का लक्ष्य
श्रीनिवास राजू ने बताया कि अब वह देश के कई राज्यों में स्ट्रॉबेरी की बढ़िया पौध सप्लाई करने के लिए जाने जाते हैं. पहले वो हरियाणा और पुणे से पौधे मंगवाते थे, जो उन्हें काफी महंगे पड़ जाते थे. अब वो नेतरहाट में पौधे तैयार करते हैं, जिसकी डिमांड देश भर में है. अबकी बार 20 लाख पौधे के उत्पादन का लक्ष्य है.
स्ट्रॉबेरी के अलावा ये भी
दोनों भाई ज्यादातर स्ट्रॉबेरी की नर्सरी तैयार करते हैं. फ्रूट्स के लिए कम जगह पर खेती करते हैं. इसके अलावा कई तरह की फसल करते हैं. उन्होंने अपने बगान में डेढ़ एकड़ में इलाहाबादी सफेदा अमरूद, सेब के 300 पौधे, आम के 490 पौधे, अंजीर और नींबू के पौधे भी तैयार किए हैं.
300 किलोमीटर तक फ्री ट्रांसपोर्ट
आगे बताया कि अक्टूबर से स्ट्रॉबेरी के एक्सपोर्ट का काम शुरू हो जाएगा. 300 किलोमीटर दूर तक भेजने का कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लेते हैं. पौधे की दर से ही उन्हें पौधे उपबंध करा देते हैं. वहीं, 300 किलोमीटर से दूर होने पर ट्रांसपोर्ट का अतिरिक्त खर्च लिया जाता है. अधिक जानकारी के लिए 7320097577 पर संपर्क कर सकते हैं.
Tags: Agriculture, Farmer story, Local18, Success Story
FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 10:22 IST
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