मध्यप्रदेश

The family of the absconding Sadhvi who embezzled Rs 90 lakh is also missing | 90 लाख हड़पने वाली फरार साध्वी का परिवार भी गायब: मृत महंत के अकाउंट से भाई को भेजे लाखों रुपए, 60 हजार का इनाम घोषित – Madhya Pradesh News

‘साध्वी तो पिछले कई महीने से यहां आई ही नहीं। उनके पिता 31 तारीख को फ्लैट पर ही थे। मैंने उन्हें देखा था। 1 सितंबर को उनके परिवार का कोई सदस्य दिखाई नहीं दिया।’

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ये कहना है राजधानी भोपाल के कोलार में एचबीडी हॉलमार्क सोसाइटी के सिक्योरिटी गार्ड का। ये वो ही सोसाइटी है जहां साध्वी लक्ष्मीदास उर्फ रीना रघुवंशी के माता-पिता और भाई रहता है, लेकिन अब पूरा परिवार गायब है।

दरअसल, साध्वी लक्ष्मीदास पर आरोप है कि उन्होंने छिंदवाड़ा के महंत कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद उनके अकाउंट से 90 लाख रु. निकाले हैं। साध्वी के खिलाफ छिंदवाड़ा पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इसी के बाद से वह फरार है।

पुलिस ने साध्वी पर 10 हजार रु. तो रघुवंशी समाज ने 51 हजार रु. का इनाम का ऐलान किया है। पुलिस को जांच में ये भी पता चला है कि साध्वी ने महंत के अकाउंट से पैसा निकालकर अपने भाई और दोस्त के अकाउंट में जमा किए थे। पढ़िए रिपोर्ट

भोपाल के कोलार स्थित मकान पर ताला लटका हुआ

साध्वी लक्ष्मीदास उर्फ रीना रघुवंशी को छिंदवाड़ा पुलिस तलाश रही है। रीना के परिजन भोपाल के कोलार में आईबीडी कैंपस के एक फ्लैट में रहते हैं। उनके साथ रीना का भाई हर्ष भी रहता है।

26 जुलाई को जब साध्वी के खिलाफ छिंदवाड़ा के चौरई थाने में 90 लाख रु. की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई थी तब भास्कर ने इसी फ्लैट में उसके पिता सुखलाल रघुवंशी और मां किरण रघुवंशी से बात की थी।दोनों रीना पर लगाए जा रहे सारे आरोपों को झूठा बताया था।

इस बीच रीना ने अग्रिम जमानत की अर्जी भी दायर की थी। एक महीने पहले ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। उसके बाद से रीना फरार है। अब परिवार भी गायब हो गया है।

पड़ोसियों ने आशंका जताई है कि पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए रीना का परिवार संभवत: साउथ अफ्रीका में छोटी बेटी के पास चला गया होगा। सिक्योरिटी गार्ड ने भी बताया कि ‘साध्वी के पिता 31 तारीख को फ्लैट पर ही थे। मैंने उन्हें देखा था। साध्वी तो पिछले कई महीने से यहां नहीं आई। 1 सितंबर को उनके परिवार का कोई सदस्य दिखाई नहीं दिया।’ उसके बाद से फ्लैट पर ताला लगा हुआ है।

दरअसल, रीना रघुवंशी तीन भाई- बहनों में सबसे बड़ी है। उसकी पढ़ाई विदिशा में हुई है। छोटी बहन की शादी भोपाल में हुई थी। उसके पति फार्मा इंडस्ट्री में हैं। फिलहाल वे साउथ अफ्रीका में हैं। भाई हर्ष भी साउथ अफ्रीका के तंजानिया में काम कर रहा था। कुछ महीने पहले वह भोपाल आ गया था।

भोपाल के कोलार स्थित साध्वी का फ्लैट जहां अब ताला लगा हुआ है।

भोपाल के कोलार स्थित साध्वी का फ्लैट जहां अब ताला लगा हुआ है।

छिंदवाड़ा पुलिस बोली- धोखाधड़ी में रीना के साथ भाई हर्ष भी सहयोगी

छिंदवाड़ा पुलिस का कहना है कि 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी में रीना रघुवंशी के अलावा उसके भाई हर्ष और नजदीकी मनीष सोनी को भी आरोपी बनाया गया है। चौरई थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर ने बताया कि जांच में पता चला है कि रीना रघुवंशी ने महंत की मृत्यु के बाद जाली दस्तावेजों से उनकी सिम हासिल की।

इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उसने अपने भाई हर्ष के अकाउंट में 13 लाख रुपए और नजदीकी मनीष सोनी के अकाउंट में 16 लाख रुपए ट्रांसफर किए। पैसे ट्रांसफर होने के बाद इन अकाउंट से पूरे पैसे निकालकर इन अकाउंट को बंद कर दिया गया था। रीना रघुवंशी के साथ-साथ हर्ष और मनीष की भी तलाश की जा रही है।

पुलिस ने 10 हजार तो रघुवंशी समाज ने 51 हजार का इनाम घोषित किया

रीना रघुवंशी के फरार होने के बाद पुलिस ने उस पर 10 हजार रु. के इनाम का ऐलान कर दिया है। वहीं रघुवंशी समाज ने भी 51 हजार के इनाम का ऐलान किया है। दरअसल, महंत के बैंक अकाउंट से 90 लाख रु. निकालने के मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब चौरई की एसबीआई ब्रांच में जब रीना ट्रांजैक्शन करने पहुंची थी।

उस दौरान तभी कुछ गांव के लोगों ने उसे देखा। इसके बाद बैंक में भी पूछताछ की। 10 जुलाई को गांव वालों ने मंदिर से जुड़े लोगों को इसके बारे में बताया। इसके बाद 12 जुलाई को मंदिर के नए महंत श्याम दास जी महाराज और चक्रपाल सिंह पटेल ने चौरई थाने में शिकायत की।

रीना की इस करतूत से समाज के लोग बेहद नाराज है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए क्योंकि महंत कनकदास महाराज के पास जो पैसा था वो समाज के लोगों ने दिया था।

एक बार फिर जमानत अर्जी लगाई, 9 सितंबर को सुनवाई

कथित साध्वी रीना रघुवंशी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई हैै। इस पर 9 सितंबर को सुनवाई होनी है। इससे पहले उसने छिंदवाड़ा कोर्ट में भी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन यहां उसकी अर्जी खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने तर्क दिया था कि प्रथम दृष्ट्या ये साफ है कि रीना रघुवंशी ने गलत दस्तावेजों से सिम हासिल की। फिर इस आधार पर उसने महंत के अकाउंट से अपने रिश्तेदारों के खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए थे।

छिंदवाड़ा कोर्ट में पुलिस की तरफ से महंत कनकदास के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की कॉपी दी गई थी। इसी आधार पर जमानत अर्जी खारिज हुई।

छिंदवाड़ा कोर्ट में पुलिस की तरफ से महंत कनकदास के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की कॉपी दी गई थी। इसी आधार पर जमानत अर्जी खारिज हुई।

31 दिसंबर 2023 को अकाउंट से 1 रु. निकाला, 19 जनवरी को 50 लाख

महंत कनकबिहारी दास की 17 अप्रैल 2023 को एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। वे नरसिंहपुर से छिंदवाड़ा लौट रहे थे। बरमान घाट के पास उनकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई। कनकबिहारी के 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के मुताबिक, 24 जून 2024 तक उनके अकाउंट में करीब 90 लाख रु. जमा थे। 6 महीने तक अकाउंट से कोई पैसा नहीं निकला।

31 दिसंबर 2023 को इस अकाउंट से 1 रु. निकाला गया। इसके बाद 1 जनवरी 2024 से लेकर 18 जनवरी 2024 तक कई किस्तों में 11 लाख 57 हजार रु. निकाले गए। 19 जनवरी को एक साथ 50 लाख रु. निकाले और इसी तारीख को जमा भी कर दिए।

अगले 13 दिन में यानी 2 फरवरी 2024 तक 67 लाख रु. अकाउंट से निकाले गए। 2 फरवरी को महंत के अकाउंट में केवल 53 पैसे बचे थे। इसी दिन इसमें 5 रु. जमा किए और अगले दिन 3 फरवरी को 4 लाख 99 हजार रु. जमा हुए।

6 फरवरी को अकाउंट से फिर 5 लाख रु. निकाले गए। 12 फरवरी को बैंक ने 5 लाख रु. पर ब्याज के रूप में 20 हजार रु. जमा किए। 12 फरवरी को ये 20 हजार रु. भी निकाल लिए।

रीना खुद को महंत का उत्तराधिकारी बता रहीं

रीना रघुवंशी इस मामले में खुद पर लगे जालसाजी के आरोपों को यह कहते हुए खारिज करती है कि वही महंत कनकबिहारी की असली उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने इसके पक्ष में एक वसीयत भी पेश की है। हालांकि आश्रम प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि रीना रघुवंशी की यह वसीयत फर्जी है।

महंत स्व. कनक बिहारी महाराज की हस्तलिखित वसीयत में उन्होंने श्याम सिंह को अपना उत्तराधिकारी बताया है। अयोध्या के संतों की मौजूदगी में श्याम सिंह को यहां महंत बनाने की पूरी प्रक्रिया की गई थी। उत्तराधिकार का एक अलग केस छिंदवाड़ा न्यायालय में भी चल रहा है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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