मध्यप्रदेश

High Court- Can the case diary system be made digital? ADG said- It is not possible right now | हाई कोर्ट- क्या केस डायरी का सिस्टम डिजिटल हो सकता है? एडीजी बोले- अभी संभव नहीं है – Indore News


हाई कोर्ट में लगने वाले आपराधिक मामलों में पुलिस द्वारा केस डायरी समय पर पेश नहीं किए जाने के मामले में बुधवार को एडीजी चंचल शेखर वर्चुअली कोर्ट में उपस्थित हुए। जस्टिस संजीव कलगांवकर ने उनसे पूछा कि क्या केस डायरी को पूरी तरह डिजिटल मोड से ही पेश कि

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इस पर एडीजी ने जवाब दिया कि पुलिस थाने और जांच अधिकारी अपडेट नहीं हैं। कुछ काम तो डिजिटल कर दिया है, पर देहात में 161 के बयान कागजी लिए जा रहे हैं।

मेमो हाथ से बनाना पड़ रहे हैं। जब्ती भी कागजी करना पड़ रही है। कोर्ट में मामला लगने पर यह कागजी दस्तावेज स्कैन कर डिजिटल मोड से पेश किए जा रहे हैं। फील्ड की यह कार्रवाई डिजिटल नहीं है।

पीएम रिपोर्ट, एमएलसी भी मैनुुअल बन रही: एडीजी ने कहा कि केस डायरी को डिजिटल पेश करने के लिए अन्य स्टेक होल्डर को भी शामिल करना होगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, एमएलसी अभी डॉक्टर द्वारा कागज पर बनाकर दी जा रही है। पीएम, एमएलसी डिजिटल नहीं बनेगी, तब तक पुलिस भी कैसे डायरी डिजिटल पेश कर पाएगी।

15 दिन में मांगा जवाबहाई कोर्ट ने पूछा कि डिजिटल सिस्टम से डायरी पेश करना कितना फिजिबल है? यह आप 15 दिन में बताइए। एडीजी ने जवाब दिया कि पुलिस में आईटी का काम मध्यप्रदेश शासन का आईटी विभाग देखता है। हमें एक बार उनसे बात करना होगी। हमें कम से कम एक महीने का समय दिया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि हम आपसे केवल यह पूछ रहे हैं कि डिजिटल पेश करना फिजिबल है या नहीं? इसमें महीनेभर की क्या जरूरत है। एडीजी ने जवाब दिया कि 15 दिन में हाई कोर्ट को सूचित कर दिया जाएगा।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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