मध्यप्रदेश

Damoh Hostel Has Been Locked For Two Years Due To Lack Of Students Yet Superintendent Has Been Appointed – Damoh News


छात्रावास में डला ताला
– फोटो : अमर उजाला

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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक में बच्चों की पढ़ाई के लिए बने छात्रावासों की हालत काफ़ी खराब है। यहां बच्चे ही रहने नहीं पहुंच रहे। इसके बाद भी कर्मचारी नियुक्त किए जा रहे हैं। समनापुर गांव में आदिम जाति कल्याण विभाग के आधीन दो बिल्डिंग है। लेकिन दोनों में ताला लगा रहता है, क्योंकि यहां बच्चे ही नहीं है। इसके बाद भी यहां अधीक्षक नियुक्त किए गए।

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जानकारी लेने पर पता चला की एक बिल्डिंग तो ऐसी है, जिसका कोई उपयोग नहीं होता और दूसरी छात्रावास के लिए अधिकृत है। लेकिन यहां कोई बच्चा नहीं आया है, इसलिए उसमें भी ताला लगा रहता है। गांव में आदिम जाति कल्याण विभाग से उच्चर माध्यमिक स्कूल के छात्रावास है। यहां पूर्व के वर्षों में दूर दराज के आदिवासी छात्र रहकर पढ़ाई करते थे। लेकिन पिछले दो वर्षों से इस छात्रावास में ताला लगा हुआ है।

50 सीटर छात्रावास समनापुर की बिल्डिंग में दो वर्षों से एक भी बच्चा नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बात तो समनापुर में हाईस्कूल है, जो कक्षा दसवीं तक है। उसके बाद छात्रावास को बारहवीं तक के बच्चों को अधिकृत किया गया है। दूसरी बात यहां वर्तमान में एक भी बच्चा नहीं रहता, उसके बाद भी एक अधीक्षक और एक चौकीदार को नियुक्त किया गया है। अब ये दोनों कर्मचारी उस बंद छात्रावास में क्या सेवाएं दे रहे हैं। इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीणों की माने तो उनको छात्रावास में ताला लगा ही मिलता है।

तेंदूखेड़ा नगर और ब्लॉक में यदि आदिमजाति छात्रावासों की जानकारी ली जाए तो यहां कई छात्रावास हैं। लेकिन ऐसे बहुत कम छात्रावास हैं, जहां तय सीटों से आधी भी उपस्थिति हो कहीं कहीं तो छात्रावासों का केवल कागजों तक संचालन है। उनमें एक समनापुर भी है, जहां दो वर्षों से एक भी बच्चा नहीं है। जबकि शासन इन छात्रावासों में रहने खाने सोने की पूर्ण व्यवस्था निशुल्क रूप से करता है। उसके बाद भी इन छात्रावासों में बच्चे एडमिशन नहीं ले रहे हैं।

कई छात्रावासों की जानकारी लेने पर पता चला कि सीट तो पचास या तीस है, लेकिन एडमिशन बीस या दस ही है। उनमें से भी आधे बच्चे ही उपस्थित रहते हैं। कुछ दिन पहले कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर तेंदूखेड़ा आये थे। उस समय सामनापुर सरपंच इमरत यादव ने कलेक्टर को बताया था कि छात्रावास में कोई बच्चा नहीं है। कलेक्टर ने तत्काल आदिम जाति कल्याण विभाग की जिला सयोजक रिया जैन को फोन लगाकर जानकारी ली। तो उन्होंने जबाब दिया पूर्व में पदस्थ अधीक्षक को हटा कर नये अधीक्षक को समनापुर छात्रावास का प्रभार दिया है, लेकिन ज़ब छात्रावास में पिछले दो वर्षो से बच्चे ही नहीं हैं तो नये ओर पुराने अधीक्षक करेंगे क्या।

समनापुर छात्रावास के नए अधीक्षक के तोर पर लक्ष्मण पटेल आये है। उनसे ज़ब मामले को लेकर बात की तो उनका कहना है ये बात बिलकुल सही है दो वर्ष से छात्रावास मे कोई एडमिशन नहीं है। इस वर्ष एडमिशन कराने के प्रयास शुरू किये गए है। तीन से चार बच्चों के एडमिशन हो भी गए है ओर एडमिशन के प्रयास किये जा रहे हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग की संयोजक रिया जैन को जब कई बार फोन लगाया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। एसडीएम अविनाश रावत का कहना है वह विभाग संयोजक से इस मामले में बात करते हैं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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