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इंदौर में गाड़ियों का धुआं सांस लेने में भी तकलीफ देने लगा है।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार


शहर की आबोहवा दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे मंडराने लगे हैं। छह दिन पहले शहर का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 200 के पार चला गया था जो बेहत खतरनाक स्तर है। आज शाम को भी एक्यूआई 160 से आगे पहुंचा। वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि और बाजारों में वाहनों की लगातार आवाजाही से हवा में धूल के कण और जहरीली गैसों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा, खुले में कचरा जलाने और शहर के आसपास के इलाकों में पराली जलाने से प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ गई है। 17 अक्टूबर को मध्य शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्थिति में पहुंच गया था, जिसे रेड जोन के नाम से जाना जाता है। यह संकेत है कि हवा का गुणवत्ता स्तर सामान्य से बहुत अधिक खराब हो गया है।

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यदि हम अक्टूबर के पहले 20 दिनों के AQI का औसत देखें, तो यह सितंबर की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक हो गया है। जहां सितंबर में यह औसत 55 था, वहीं अक्टूबर में यह बढ़कर 87 के ऊपर पहुंच गया है। यह वृद्धि साफ तौर पर बताती है कि हवा में प्रदूषणकारी तत्व तेजी से बढ़ रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकते हैं। चिंता का विषय यह भी है कि हवा में महीन कण पीएम 2.5 के साथ-साथ कार्बन मोनो ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ये जहरीले तत्व विशेष रूप से बुजुर्गों, बीमार व्यक्तियों, श्वास रोगियों और एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकते हैं।

और भी अधिक गंभीर स्थिति हो सकती है

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ठंड का मौसम आने पर प्रदूषण का प्रभाव और अधिक गंभीर हो सकता है। सांस रोग विशेषज्ञ डाक्टर राकेश गुप्ता बताते हैं कि सुबह के समय हवा में नमी के कारण प्रदूषक कण नीचे की ओर जमा हो जाते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। इस कारण लोगों को सलाह दी जा रही है कि सुबह जल्दी सैर पर जाने से बचें और सूरज निकलने के बाद ही बाहर जाएं। इस बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए कुछ एहतियात बरतना जरूरी है, जैसे मास्क पहनना और घर के बाहर कम से कम समय बिताना।

बेहद खतरनाक हालात

प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि जब किसी शहर का औसत AQI सामान्य से अधिक हो जाता है, तो इसका मतलब यह होता है कि पीक ऑवर के दौरान प्रदूषण का स्तर ग्रीन जोन से बाहर जा रहा है। पर्यावरणविद् ओपी जोशी कहते हैं कि यह स्थिति दिन में लगभग 8 से 10 घंटे तक बनी रहती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी एसएन द्विवेदी ने बताया कि हाल ही में प्रदूषण विभाग ने नगर निगम को चेतावनी पत्र भेजा है, जिसमें बताया गया है कि शहर में धूल और धुएं के कणों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। ठंड के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है क्योंकि प्रदूषक कण वायुमंडल की निचली परत में रहकर हवा की गुणवत्ता को और खराब कर देते हैं।

क्या है एक्यूआई

AQI बढ़ने का मतलब है कि हवा में प्रदूषणकारी तत्वों की मात्रा बढ़ गई है। इसमें पीएम-10, पीएम 2.5, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, नॉक्स गैसें और ओजोन जैसे प्रदूषक शामिल होते हैं। हाल के दिनों में AQI में इन सभी प्रदूषकों की मात्रा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो हमारी आबोहवा को और अधिक दूषित कर रहे हैं। अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाले समय में इसका प्रभाव और भी गंभीर हो सकता है, जिससे आम लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ सकता है।

खतरनाक हालात पर जारी हुई एडवायजरी

प्रदूषण विभाग ने इंदौर के लिए एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सफाई कर्मियों को निगम हिदायत दे कि कचरा खुले में नहीं जलाएं। जोनल अधिकारियों को कचरा जलाने के दुष्प्रभावों की जानकारी दें। आम लोगों को भी जागरूक करें। व्यस्त यातायात वाले चौराहों, निर्माण स्थलों पर लगातार पानी का छिड़काव करें। सड़कों की स्थिति सुधारें, फ्लायओवर निर्माण स्थलों पर डायवर्शन रोड पक्की बनाएं।

महीने में औसत एक्यूआई

माह

जून 62

जुलाई 49

अगस्त 46

सितंबर 55

अक्टूबर 87

चौंकाने वाले आंकड़े

200 पार हो गया था एक्यूआई 6 दिन पहले

160 है आज शाम का एक्यूआई

50 प्रतिशत ज्यादा है एक्यूआई पिछले माह की तुलना में

10 में से 8 दिन एक्यूआई 70 से ज्यादा रहा


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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