अजब गजब

MPSC परीक्षा में असफलता के बाद भी नहीं मानी हार! गांव की सड़क पकड़कर अब कमा रहे हैं लाखों

धाराशिव: आजकल कई युवा सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. हालांकि, असफलता के बाद उनके सामने करियर की बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है, जिससे कई युवा डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं. लेकिन धाराशिव के नायकिंडे बंधुओं ने एक अलग ही मिसाल पेश की है. भूम तालुका के पथसावंगी के बालासाहेब और वैभव नायकिंडे ने प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद आधुनिक खेती शुरू की और अब वे इससे सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं.”

पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की आधुनिक खेती
“पाठसावंगी के बालासाहेब और वैभव नायकिंडे स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. सरकारी नौकरी उनका सपना था, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी जब उन्हें सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने गांव लौटने का निर्णय लिया. घर पर पारिवारिक खेत था, जहां उनके माता-पिता पारंपरिक खेती करते थे. हालांकि, पारंपरिक खेती से अच्छी कमाई नहीं हो रही थी, इसलिए दोनों भाइयों ने आधुनिक तरीके से खेती करने का फैसला किया.”

शिमला मिर्च की खेती से कैसे कमाएं लाखों रूपए
“बालासाहेब ने कृषि की संभावनाओं को पहचाना और आधुनिक खेती की शुरुआत की. पहले साल उन्होंने शिमला मिर्च की खेती की, जिससे उन्हें 11 लाख रुपये की आय हुई. आज उनके पास ढाई एकड़ में अमरूद और दो एकड़ में शिमला मिर्च की खेती है. दो तोड़ों से उन्हें 1 लाख 60 हजार रुपये की आय हुई है, और उन्हें उम्मीद है कि शिमला मिर्च से कुल 10 लाख रुपये की आय होगी. पिछले साल अमरूद से 10 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था, और इस साल वे उम्मीद कर रहे हैं कि यह मुनाफा दोगुना होगा.”

“माता-पिता पारंपरिक फसलें उगाते थे, लेकिन इससे अधिक आय नहीं हो पाती थी. इसलिए, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे नायकिंडे भाइयों ने कृषि में परिष्कृत बदलाव किया. इस बदलाव के कारण अब वे खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. अपने माता-पिता की मदद से सफलतापूर्वक खेती करने वाले नायकिंडे भाइयों की यह सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है.”

Tags: Agriculture, Local18, Maharashtra News, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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