जन्मदिन विशेष: अर्चना ने जलाई गरीबों के घरों में रोजगार की ज्योति

छतरपुर। भारतीय संस्कृति और संस्कारों की रॉल मॉडल हर वर्ग, हर धर्म, हर जाति के लोगों को हमेशा यथोचित सम्मान देने वाली पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह के खाते में 10 वर्षों के दौरान यूं तो तमाम ऐसी उपलब्धियां आईं जिन्हें छतरपुर के लोग वर्षों-वर्षों तक भुला नहीं सकते। सालों से बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान होते नागरिकों के घरों में अब नल से भरपूर पानी आ रहा है। यह पानी यूंही नहीं आया इसके लिए शहर में करीब एक दर्जन नई टंकियों का निर्माण किया गया और 60 किलोमीटर से भी अधिक लंबी पाईप लाईन बिछाई गई, परिणाम आज सबके सामने है। छतरपुर को डिवाईडर युक्त सड़कें, चौपाटी, चौराहों का सौन्दरीयकरण, बच्चों के लिए नये पार्कों का निर्माण और चौपाटी का निर्माण अर्चना गुड्डू सिंह के कार्यकाल की ही देन है। लेकिन इस सबसे इतर उनकी जो सबसे बड़ी उपलब्धी रही वह है गरीब महिलाओं के घरों में रोजगार की ज्योति जलाना।
सौभाविक रूप से सभी के दिमाग में यह प्रश्न कौंद रहा होगा कि आखिर एक नगर पालिका अध्यक्ष गरीब महिलाओं के घरों में रोजगार की ज्योति कैसे जला सकती है पर यह हुआ और इसके पीछे थी अर्चना गुड्डू सिंह की इच्छा शक्ति उन्होंने जन कार्यालय में आती गरीब महिलाओं के रोजगार संबंधी दर्द को देखा तो उन्होंने नगर पालिका के माध्यम से उन्हें स्वयं का रोजगार स्थापित कराने की दिशा में बड़ा काम किया। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह ने शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से 200 से भी अधिक स्वसहायता समूहों का गठन कराया। शुरू-शुरू में इन समूहों के गठन में काफी दिक्कतें हुईं लेकिन पक्के और मजबूत इरादे के साथ वे लगातार आगे बढ़ती रही और नगर पालिका के कर्मचारियों को इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती रहीं परिणाम स्वरूप करीब-करीब दो हजार महिलाएं समूहों से जुड़ गईं। समूह बन गए महिलाएं समूहों से जुड़ गईं अब बारी थी उन्हें रोजगार मुहैया कराने की। अर्चना गुड्डू सिंह ने खुद कई बैंक अधिकारियों से बात की और समूहों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को राजी कर लिया। जैसे ही बैंक स्वसहायता महिला समूहों को ऋण देने के लिए तैयार हुए वैसे ही महिलाएं एक के बाद एक आत्मनिर्भर होना शुरू हो गईं। आज स्थिति यह है कि तकरीबन 100 से भी अधिक समूहों का बैंक से लिंकेज हो गया है और ये समूह बैंकों से 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता पाकर फलने-फूलने लगे। बैंक से सहायता मिलते ही कई महिलाओं ने सब्जी की दुकानें लगाना शुरू कर दीं, कुछ महिलाओं ने गणवेश निर्माण का काम शुरू कर दिया, कुछ महिलाओं ने व्यूटी पार्लर खोल लिए और कुछ महिलाएं छोटी-मोटी दुकानदारी कर अपने परिवार के भरण पोषण में अपना पूर्ण योगदान देने में सक्षम हो गईं। बताते चलें कि इन स्वसहायता समूहों को बैंक से ऋण लेने के बाद जो व्याज देना पड़ता है उसमें से करीब 6 प्रतिशत राषि शहरी आजीविका मिशन के द्वारा भुगतान की जा रही है। आज ये सभी महिलाएं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह का न सिर्फ दिल से थैंक्यू बोलती हैं बल्कि उन्हें अपना आदर्श भी मानने लगी हैं। अर्चना सिंह ने इन महिलाओं का उत्साह वर्धन करने के लिए खुद उनके प्रतिष्ठानों पर जाकर उनके नये व्यापार का श्रीगणेश कराया और उनकी जमकर पींठ थपथपाई। सबसे बड़ी बात यह है कि समूहों के माध्मय से जिन महिलाओं को रोजगार दिया उसमें सभी वर्गों की महिलाएं शामिल हैं और इसमें किसी प्रकार का कोई भेद-भाव नहीं किया गया।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह न सिर्फ सहज, सरल व सौम्य नेता के रूप में जानी जाती हैं बल्कि वे जुझारू भी हैं और कई मौकों पर उन्हें लोगों ने समस्याओं से जुझते हुए देखा है। अपने और गरीब लोगों के लिए सरकारी मुलाजिमों से भिड़ते हुए भी देखा है। अर्चना सिंह ने राजनीति में रहते हुए भारतीय संस्कृति और संस्कारों की एक ऐसी अनूठी मिसाल पेश की है जिसे देखकर राजनीति में आई महिलाएं अब उनके ही पद चिन्हों पर चलकर आगे बढ़ रही हैं। अपने से बड़ों को सम्मान देना, कभी भी किसी भी मंच पर बिना सिर पर पल्लू लिए न जाना और सबसे यथोचित संवाद कायम रखना अर्चना सिंह की खास विशेषता है। आज पूरे क्षेत्र को उनसे उम्मीद है कि अर्चना सिंह हमेशा इसी प्रकार लोगों की मदद करती रहेगीं। आज उनके जन्मदिवस पर उन्हें ढ़ेरों बधाईयां व शुभमानाएं।